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Corona Vaccine: 101 साल के किला सिंह ने लगवाया कोरोना का टीका, बने दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत

शतायु बुजुर्ग अब टीका लेने के लिए घर से बाहर निकलने को आतुर हैं। नजफगढ़ स्थित समसपुर गांव निवासी 101 वर्षीय किला सिंह ने सोमवार को तीसरे चरण की शुरुआत के पहले दिन जाफरपुरकलां स्थित रावतुला राम अस्पताल में कोविशिल्ड वैक्सीन का पहला डाेज लगवाया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 12:59 PM (IST)
Corona Vaccine: 101 साल के किला सिंह ने लगवाया कोरोना का टीका, बने दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत
नजफगढ़ स्थित समसपुर गांव निवासी 101 वर्षीय किला सिंह ने कोविशिल्ड वैक्सीन का पहला डाेज लगवाया।

मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली। अभी तक कोरोना वायरस को खुद से काफी दूर रखने में कामयाब रहे शतायु बुजुर्ग अब टीका लेने के लिए घर से बाहर निकलने को आतुर हैं। नजफगढ़ स्थित समसपुर गांव निवासी 101 वर्षीय किला सिंह ने सोमवार को तीसरे चरण की शुरुआत के पहले दिन जाफरपुरकलां स्थित रावतुला राम अस्पताल में कोविशिल्ड वैक्सीन का पहला डाेज लगवाया।

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अच्छी बात ये है कि टीकाकरण कराने के बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हैं, उन्हीं किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई है। दक्षिण-पश्चिम जिला प्रशासन जिले में ऐसे शतायु बुजुर्गाें को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए उनसे संपर्क साध रहा है, ताकि वे टीकाकरण करवाने के लिए आगे आएं।

पूर्व सैन्यकर्मी किला सिंह के पोते कमल डागर ने बताया कि टीकाकरण कराने के बाद उनके बाबा काफी खुश है बल्कि आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए है। जब से बाबा ने टीकाकरण करवाया है लोगों में टीके के प्रति विश्वास बढ़ गया है। बाबा के साथ मेरे माता-पिता जिनकी उम्र 70 और 75 वर्ष है, उन्होंने भी टीकाकरण करवा लिया है। तीनों के लिए मैंने को-विन पोर्टल पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था।

अब चिकित्सकों ने अगले डोज के लिए 28 दिन बाद दोबारा आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आने को कहा है। उधर द्वारका निवासी 102 वर्षीय चंद्रकली मिश्रा भी टीकाकरण करवाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। इनके बेटे पीएन मिश्रा ने बताया कि उनकी मां टीकाकरण करवाने के लिए काफी उत्साहित हैं, पर वे केंद्र तक जाने में असमर्थ हैं।

दरअसल, एक माह पहले गिरने के कारण उनकी एक हड्डी टूट गई थी, हालांकि आपरेशन सफलतापूर्वक हो चुका है। पर वे चल-फिर पाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में मेरी कोशिश है कि चिकित्सक घर पर आकर ही उन्हें टीका लगाए। जिससे उन्हें भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षित माहौल मिल सकें। लाकडाउन के दौरान जब पूरा परिवार घर में था, तब वे बराबर इस बारे में सवाल पूछती थी और बढ़ते मामले व कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु ने उनके मन में डर बिठा दिया था।

ऐसे में वे वैक्सीन की अहमियत को समझती है और वैज्ञानिकों को सराहती हैं कि इतने कम समय में वैक्सीन तैयार करना किसी चमत्कार से कम नहीं। वहीं नजफगढ़ में खड़खड़ी जटमल गांव निवासी 102 वर्षीय शरबती देवी को भी उस वक्त का इंतजार है जब उन्हें टीका लगाया जाएगा।

इनके बेटे ईश्वर सिंह ने बताया कि अभी तीसरे चरण की शुरुआत हुई है और पोर्टल का सर्वर डाउन होने के कारण फिलहाल लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में मैं इस बात के इंतजार में हूं कि स्थिति सामान्य होने के बाद मां का टीकाकरण करवाऊं।  


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