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Delhi Coronavirus Treatment: दिल्‍ली के इस अस्‍पताल में आने वाला हर कोरोना मरीज हुआ पूरी तरह स्‍वस्‍थ, जानें डिटेल

Delhi Coronavirus Treatment दिल्ली के सरिता विहार स्थित एआइआइए अस्‍पताल में कोरोना से संक्रमित आने वाला हर मरीज स्‍वस्‍थ हुआ है। यहां मरीजों को स्वस्थ करने का रिकार्ड 100 फीसद है। कोरोना की कोई वैक्सीन तैयार नहीं ऐसे में यह अस्‍पताल एक बड़ी उम्‍मीद बन कर सामने खड़ा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 09:54 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 11:37 PM (IST)
Delhi Coronavirus Treatment: दिल्‍ली के इस अस्‍पताल में आने वाला हर कोरोना मरीज हुआ पूरी तरह स्‍वस्‍थ, जानें डिटेल
कोरोना मरीजों की संजीवनी है आयुर्वेद का 'एम्स'।

नई दिल्ली, राहुल सिंह। Delhi Coronavirus Treatment: कोरोना की कोई वैक्सीन तैयार नहीं होने के कारण पिछले छह महीने से अस्पतालों से अक्सर संक्रमितों की मौत की बुरी खबर सुनने को मिल रही है। दिल्ली में मृत्यु दर भी बढ़ रहा है। ऐसे में एक अच्छी खबर यह भी है कि आयुर्वेद का एम्स कहे जाने वाले ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआइआइए) में अब तक कोरोना के चलते एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। सभी भर्ती मरीज आयुर्वेद व योग से ठीक होकर घर लौटे हैं जो सुकून देने वाली बात है। एआइआइए की निदेशक तनुजा मनोज नेसरी ने बताया कि इस संस्थान में अब तक 275 कोरोना मरीजों का उपचार किया गया है। सभी स्वस्थ होकर यहां से गए।

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यहां मरीजों को स्वस्थ करने का रिकार्ड 100 फीसद

अस्पताल में कोरोना का एक ही वार्ड है, जिसमें 50 बेड हैैं। इन दिनों 50 मरीजों का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि वैसे कम लोग ही आयुर्वेद से उपचार कराना चाहते हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि इस पद्धति से कोरोना ठीक नहीं हो सकेगा, लेकिन यह सोच गलत है। आयुर्वेद से कोरोना का उपचार संभव है। दिल्ली के सरिता विहार स्थित एआइआइए इसका बड़ा उदाहरण है। यहां मरीजों को स्वस्थ करने का रिकार्ड 100 फीसद है।

ऐसे होता है संक्रमितों का उपचार

यहां आने वाले मरीज को पहले दिन से ही नियमित रूप से काढ़ा दिया जाता है, जो दाल चीनी, काली मिर्च, सोंठ, तुलसी और मुनक्का से तैयार किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें आयुर्वेद की औषधि दी जाती है, जिसमें आयुष-64, सुदर्शन वटी, गिलोय की वटी समेत अन्य औषधि दी जाती हैं। वहीं, मरीजों को रात के समय हल्दी वाला दूध दिया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से बढ़ाता है। इसके अलावा मरीजों को सुबह और शाम योग कराया जाता है, जिसमें अनुलोम-विलोम, कपालभाति व सूर्य नमस्कार आदि शामिल हैं।

कोरोना से जंग जीतने के लिए नींद और संगीत भी जरूरी

इसके साथ मरीजों को आठ घंटे की नींद लेने को कहा जाता है। प्रतिदिन दिन में एक से दो घंटे संगीत भी सुनाया जाता है, जो उनके जल्द ठीक होने में मदद करता है। मरीजों को सुबह और शाम गर्म पानी का गरारा कराया जाता है, जो उनके गले में जमे संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है। मरीजों को खुश रखने के लिए उनके बीच घरेलू खेल कराए जाते हैं, जिससे उनका मानसिक तनाव दूर रहता है। इस तरह दो से तीन सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हो जाता है।

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के निदेशक तनुजा मनोज नेसरी नेे कहा कि अस्पताल में 92 फीसद मरीजों को बिना ऑक्सीजन के ही उपचार किया गया है। खास बात कि मरीजों का उपचार करने में अस्पताल का कोई कर्मी संक्रमित नहीं हुआ हैं।  

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