स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंच रही घर पर कोरोना जांच करने वालों की रिपोर्ट, संक्रमण का खतरा
कोरोना संक्रमण में तेजी के बीच बाजार से किट खरीदकर बिना किसी निगरानी में खुद से अपनी जांच करने वालों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। घर में भी अगर कोई अपनी जांच कर रहे हैं तो इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंचनी चाहिए।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। कोरोना संक्रमण में तेजी के बीच बाजार से किट खरीदकर बिना किसी निगरानी में खुद से अपनी जांच करने वालों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ा दी है। उनका कहना है कि घर में भी अगर कोई अपनी जांच कर रहे हैं तो इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंचनी चाहिए। ऐसा नहीं होने की वजह से संक्रमित लोग भी बाहर घूम सकते हैं और संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने लोगों से अपील की है कि अगर वे खुद अपनी जांच कर रहे हैं तो इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को जरूर दें, जो इस महामारी पर नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
दरअसल बाजार में करीब 250 रुपये में जांच किट उपलब्ध है। यह एंटीजन किट की तरह है। लेकिन एंटीजन किट से जांच में अगर कोई संक्रमित पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को पहुंच जाती है। लेकिन बाजार से खरीदे गए किट में यह व्यवस्था नहीं है। ये किट आनलाइन भी उपलब्ध हैं। आजकल कई लोग इसे खरीदकर अपने घर में रख रहे हैं। लक्षण आने पर खुद जांच भी कर रहे हैं। लेकिन इसकी रिपोर्ट साझा नहीं हो रही है। इसकी वजह से ये कोरोना के मामलों में शामिल भी नहीं हो पा रहे हैं। जांच किट में एक स्ट्रिप होती है जिसे नाक में डाला जाता है। एक लाइन आने पर नेगेटिव और दो लाइन आने पर रिपोर्ट पाजीटिव होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसकी विश्वसनीयता पर भी संदेह जता रहे हैं।
उनका कहना है कि जिस तरह से एंटीजन में कई मरीज पकड़ में नहीं आते हैं। ठीक उसी तरह से इस किट में भी पूरी आशंका बनी रहती है। इसलिए लक्षण के बावजूद नेगेटिव आने पर आरटीपीसीआर जांच जरूरी है। कोट्स कोरोना संक्रमण जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, उसमें निगरानी की सख्त जरूरत है। बाजारों में सम-विषम, सप्ताहांत कर्फ्यू सहित अन्य बंदिशें संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ही लगाई जा रही हैं। लेकिन यहां बड़ी चूक हो रही है। घर में जांच के बाद संक्रमित होने के बाद भी लोग बाहर घूम सकते हैं और संक्रमण को फैला सकते हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि सेल्फ टेस्ट (खुद से जांच) किट गलत हैं लेकिन इसकी रिपोर्टिंग होगी तभी महामारी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
यह लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करें और अगर लक्षण मामूली हैं तो होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन करें। घर से बाहर न निकलें। - डा. अनिल गोयल, वित्त सचिव, आइएमए कुछ लोगों का मानना है कि अगर आरटीपीसीआर से जांच कराई तो उनका विवरण स्वास्थ्य विभाग के पास चला जाएगा। फिर विभाग उन्हें परेशान करेगा। लेकिन यह सोच ठीक नहीं है। अगर कोरोना संक्रमित हैं तो निगरानी में रहना जरूरी है।
- घर में जो जांच किट इस्तेमाल हो रहे हैं वे हल्के लक्षण वाले मरीजों में संक्रमण नहीं पकड़ पाते हैं। अगर घर में जांच कर रहे हैं तो रिपोर्ट पाजीटिव आने पर आपकी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। अगर लक्षण हल्के हैं तो सिर्फ फोन पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम आपसे संपर्क करेगी। जरूरत पड़ने पर आपको अस्पताल में दाखिल भी कराया जाएगा। यह सब प्रयास लोगों को महामारी से बचाने के लिए ही किए जा रहे हैं। डा. अरुण गुप्ता, अध्यक्ष, डीएमसी