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देश में बड़े शहरों के बाद अब छोटे शहरों व गांवों में बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले, नामी डाक्टर ने बताई वजह

लोकनायक अस्पताल के डा. सुरेश कुमार का कहना है कि आने वाले दिनों में कोरोना के मामले छोटे शहरों और गांवों में बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो शहरों में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट पीक को छूकर नीचे आ रहा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 05:39 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 06:44 PM (IST)
देश में बड़े शहरों के बाद अब छोटे शहरों व गांवों में बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले, नामी डाक्टर ने बताई वजह
लोक नायक जय प्रकाश नारायण(LNJP) अस्पताल के एमडी डॉ.सुरेश कुमार

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। देश के अधिकतर बड़े शहरों में कोरोना की संक्रमण दर चरम को छूकर अब कम होने लगी है। इसलिए राजधानी के साथ ही दूसरे मेट्रो शहरों में भी कोरोना के नए मामले तेजी से घट रहे हैं। लेकिन, मेट्रो शहरों में मामले कम होने के बाद अब कस्बों, जिलों और गांव में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। यह कहना है लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. सुरेश कुमार का। डा. सुरेश के अनुसार जिस तरह एनसीआर के शहरों में प्रतिदिन लाखों की संख्या में गांवों के लोग आवागमन करते हैं। इसी तरह अन्य राज्यों के बड़े शहरों में भी छोटे कस्बों, जिलों और गांव से ग्रामीणों का बड़ी संख्या में आवामगन होता है।

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दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, बागपत, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर और मेरठ जिलों के लोग यहां की फैक्ट्रियों में काम करने आते हैं। इसी तरह हरियाणा के सोनीपत, फीरीदाबाद, गुरूग्राम, बहादुरगढ़ सहित अन्य जिलों के लोग भी बड़ी संख्या में प्रतिदिन आवागमन करते हैं। इसलिए ओमिक्रोन का संक्रमण इन लोगों के माध्यम से गांव और जिलों में पहुंचने की प्रबल संभावना है, क्योंकि ओमिक्रोन के फैलने की गति काफी तेज है।

डा. सुरेश का यह भी कहना है कि गांव में भी अगर संक्रमण फैलता है तो इससे कोरोना के मामले तो बढ़ेंगे लेकिन यह चिंता की बात नहीं होगी क्योंकि गांव में भी लगातार टीकाकरण हो रहा है। इसलिए अधिकतर ग्रामीण आबादी को भी टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। इसलिए संक्रमित होने वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डा. सुरेश ने कहा कि दूसरे लहर का संक्रमण बहुत थोड़े समय तक चला था साथ ही उस दौरान अधिकतर मामले डेल्टा वैरिएंट के आए थे और डेल्टा के फैलने की गति इतनी तेज नहीं थी। इसलिए दूसरी लहर के दौरान संक्रमण गांव तक नहीं पहुंचा था। उन्होंने बताया कि संक्रमण हमेशा बड़े शहरों से छोटे शहरों, जिलों और गांव की ओर जाता है।


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