Coroanvirus: निजामुद्दीन में स्क्रीनिंग करने गए स्वास्थ्य कर्मियों को स्थानीय लोगों ने खदेड़ा
Coroanvirus तब्लीगी मरकज से निकाले गए लोगों की तरह स्थानीय लोग भी संक्रमण की रोकथाम में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। निजामुद्दीन पूरे देश में कोरोना का सबसे बड़ा स्पॉट बन चुका है। इससे कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की टीम निजामुद्दीन में कोरोना के संक्रमण को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है। ताकि यहां कोरोना के संक्रमण की चेन ज्यादा बढ़ने न पाए। लेकिन, तब्लीगी मरकज से निकाले गए लोगों की तरह स्थानीय लोग भी संक्रमण की रोकथाम में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इलाके में सर्वे व स्क्रीनिंग करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को लोगों ने खदेड़ दिया।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मरकज से निकाले गए करीब 301 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। एक ही जगह से इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित के मिलने से आसपास की पूरी कॉलोनी में संक्रमण की आशंका है। इसी क्रम में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम घरों में रह रहे लोगों का सर्वे व स्क्रीनिंग करने पहुंची थी। जिन्हें लोगों ने वहां से निकाल दिया।
स्थानीय लोगों का यह व्यवहार हैरान करने वाला है। इन लोगों को लगता है कि टीम में एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्ट्रेशन) वाले लोग हैं। इसका कारण यह है कि सर्वे व स्क्रीनिंग के लिए एक फार्म होता है, जिस पर नाम-पते के साथ अन्य जानकारी देनी होती है। इसके चलते लोग गुमराह हो रहे हैं।
प्रशासनिक आदेश के बाद पुलिस के साथ जाएगी टीम
स्वास्थ्य विभाग एक सख्त प्रशासनिक आदेश जारी करने पर विचार कर रहा है। एक-दो दिनों में पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर इलाके में सघन स्क्रीनिंग शुरू की जाएगी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग 12 मार्च को ही यह आदेश जारी कर चुका है कि प्रशासन को यदि कहीं कोरोना के संदिग्ध मरीज की सूचना मिलती है या आशंका है तो वहां टीम जाकर निरीक्षण कर सकती है और स्थानीय लोगों को सहयोग करना होगा। नहीं तो कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। अधिकारी अब स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मदद लेने पर भी विचार कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज के पास बस्ती में करीब 5000 घर हैं।