Coroanvirus, lock Down: रैन बसेरों में गरीबों को मिल रहा मुफ्त भोजन, दिल्ली सरकार ने किया इंतजाम
Coroanvirus lock Down लॉकडाउन की स्थिति में दिल्ली सरकार ने जरूरतमंद लोगों को दो समय का खाना उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Coroanvirus, lock Down : लॉकडाउन की स्थिति में दिल्ली सरकार ने जरूरतमंद लोगों को दो समय का खाना उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है। लोगों को खाना दिल्ली में जगह-जगह बने रैन बसेरों में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों तक खाना और राशन पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। दिल्ली सरकार ने प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोगों को दो टाइम का भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। योजना के अनुसार करीब छह सौ स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें प्रत्येक वार्ड में दो स्कूलों में भोजन की व्यवस्था की जाएगी। एक स्कूल में करीब 500 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था होगी। इसमें प्रमुख भूमिका दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी निभाएगी। इसके अलावा सरकार आप कार्यकर्ताओं, विभिन्न एनजीओ और जनता की मदद लेगी। इसके लिए आप के विधायक, सांसद की टीम भी मैदान में उतर गई है। टीम खाने का पैकेट व राशन भी वितरित करवा रही है।
इससे पहले कुछ लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलने पर दो दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके विधायकों को निर्देश दिया था कि वह अपने इलाके में जरूरतमंदों तक जरूरी सामान पहुंचाएं। मुख्यमंत्री की इस अपील का असर भी देखने को मिल रहा है।
तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडेय ने अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर लोगों तक खाना और राशन के पैकेट पहुंचाए। इसी तरह जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार ने प्रगति मैदान के पास निर्माण कार्य के मजदूरों तक खाना पहुंचाया। उत्तम नगर के विधायक नरेश बाल्यान, रिठाला विधायक महेंद्र गोयल ने भी अपने इलाके में राशन के पैकेट वितरित किए। मुख्यमंत्री ने इन सभी को ट्वीट करके बधाई भी दी है।
उधर सांसद संजय सिंह ने अपने नार्थ एवेन्यू आवास पर ही खाना बनवाने के लिए किचन की शुरुआत की है। वह पहले भी मुख्यमंत्री राहत कोष में सांसद निधि से एक करोड़ रुपये दे चुके हैं। सांसद ने दिल्लीवासियों से भी आसपास के लोगों की मदद करने की अपील की है, जिससे एक ही जगह खाने के लिए भीड़ न लगे। लॉकडाउन हो जाने से विभिन्न राज्यों के दिल्ली में करीब एक लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के सर्वाधिक लोग हैं, जो राजधानी दिल्ली में मेहनत-मजदूरी के लिए आए थे।