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काटे गए पेड़, एनबीसीसी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर, 4 जुलाई को होगी सुनवाई

एनबीसीसी ने हाई कोर्ट में कहा था कि चार जुलाई तक पेड़ों की कटाई नहीं की जाएगी। इसके बावजूद मंगलवार को दक्षिण दिल्ली के नेताजी नगर में अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पेड़ काटे गए।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 07:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 07:45 PM (IST)
काटे गए पेड़, एनबीसीसी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर, 4 जुलाई को होगी सुनवाई
काटे गए पेड़, एनबीसीसी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर, 4 जुलाई को होगी सुनवाई

नई दिल्ली [जेएनएन]। दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में केंद्रीय आवासीय कॉलोनी के निर्माण के लिए रोक के बावजूद वृक्ष काटने को लेकर नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) के खिलाफ हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है। न्यायमूर्ति विनोद गोयल व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इस याचिका पर आगामी चार जुलाई को मुख्य याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी।

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की जाए अवमानना की कार्रवाई 

याचिकाकर्ता पर्यावरणविद विमलेंदू झा ने याचिका में कहा कि एनबीसीसी ने हाई कोर्ट में कहा था कि चार जुलाई तक पेड़ों की कटाई नहीं की जाएगी। इसके बावजूद मंगलवार को दक्षिण दिल्ली के नेताजी नगर में अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पेड़ काटे गए, इसलिए एनबीसीसी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरोजिनी नगर थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से इन्कार कर दिया था, जिसके बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए। तब जाकर रिपोर्ट दर्ज हो सकी।

पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी गई थी

ज्ञात हो कि 25 जून को मुख्य याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एनबीसीसी से पूछा था कि क्या आवासीय योजना के लिए 16500 पेड़ों की कटाई बर्दाश्त कर सकती है। पेड़ों की कटाई पर चार जुलाई तक अंतरिम रोक लगा दी गई थी।

पेड़ काटे जा चुके 

मुख्य याचिकाकर्ता डॉ. कौशल कांत मिश्रा की मांग है कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दिए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र को रद किया जाए, वरना 16500 पेड़ काट दिए जाएंगे। उन्होंने बताया था कि दक्षिण दिल्ली की छह कॉलोनियों सरोजिनी नगर, नौरौजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मद पुर और कस्तूरबा नगर में कई पेड़ काटे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि नवंबर 2017 से जून 2018 के बीच सभी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

यह भी पढ़ें: पेड़ काटने का मामलाः फिर 'हिट एंड रन' में फंसी AAP सरकार, सबूत झूठ नहीं बोलते


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