दिल्ली में 500 बेड के नए अस्थायी अस्पताल का निर्माण शुरू, हर बेड पर आक्सीजन की सुविधा के साथ आइसीयू भी
राजधानी में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से एक 500 बेड के नए अस्थायी अस्पताल का निर्माण शुरू करवाया गया है। ये अस्पताल पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में स्थित रामलीला मैदान में बनाया जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से एक 500 बेड के नए अस्थायी अस्पताल का निर्माण शुरू करवाया गया है। ये अस्पताल पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में स्थित रामलीला मैदान में बनाया जा रहा है। मंगलवार की सुबह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी टीम के साथ यहां बनाए जा रहे अस्पताल के कामों का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। इस अस्पताल में हर बेड पर आक्सीजन के साथ आइसीयू बेड भी बनाए जा रहे हैं। 4 मई से इसके शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। दर रात से अस्थायी अस्पताल बनाने का काम शुरू किया गया है। इसको बनाने के लिए यहां पर 100 से ज्यादा कर्मचारी काम मे लगे हुए हैं।
सरकार का कहना है कि यहां बनाए जा रहे 500 बेड के अस्पताल में हर बेड पर आक्सीजन की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ ही कुछ आइसीयू बेड भी होंगे जिससे इमरजेंसी में मरीजों को वो सुविधा भी दी जा सके। दिल्ली में अभी जितने भी अस्पताल है वहां पर सभी बेड पूरी तरह से फुल हो चुके हैं। मरीजों को भर्ती नहीं किया जा पा रहा है। राजधानी में एक तरह से मेडिकल इमरजेंसी जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इसको देखते हुए ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहले एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाया था, उसके बाद 26 जनवरी से इसे एक और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। सरकार दिल्लीवासियों के लिए हर तरह के मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रही है।
इसी दिशा में केंद्र सरकार ने दिल्ली को दी जाने वाली आक्सीजन की क्षमता को भी बढ़ा दिया है। रेलवे की ओर से दूसरे राज्यों से आक्सीजन के सिलेंडर पहुंचाकर आक्सीजन की कमी को दूर किया जा रहा है। दिल्ली हाइकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया, कोर्ट में भी इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है।
दूसरी ओर कोर्ट के जजों को बेहतर मेडिकल सुविधा दिलाने के लिए 5 स्टार होटल में 100 बेड रिजर्व करवा दिए गए हैं जिससे जजों और उनके परिवार को किसी तरह की मेडिकल सुविधा मिलने में असुविधा न हो। सरकार अन्य माध्यमों से भी कोरोना संक्रमण फैलने पर रोक लगाने के लिए काम कर रही है। इसके अलावा आक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से भी मदद मांगी जा रही है।