कनॉट प्लेस के रिगल बिल्डिंग की गिरी छत, 100 साल पुरानी इमारत के दूसरे तल पर हुआ हादसा
दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में एक बार फिर एक इमारत की छत गिर गई है। तकरीबन 100 साल पुराने रिगल बिल्डिंग के दूसरे तल की छत भरभराकर गिर गई है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में एक बार फिर एक इमारत की छत गिर गई है। तकरीबन 100 साल पुराने रिगल बिल्डिंग के दूसरे तल की छत भरभराकर गिर गई है। इसमें कोई जान-माल की हानि नहीं हुई है। पर यह हादसा सिविक एजेंसी नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ी करती है, क्योंकि तीन साल पहले ही वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध कनॉट प्लेस की ऐतिहासिक इमारतों का सुरक्षा ऑडिट कराया गया था। यह हादसा 11 अगस्त को रात में हुआ है और मलबा दूसरे तल पर अभी भी पड़ा हुआ है। तकरीबन 1500 स्क्वायर फीट का हिस्सा गिरा है।
पहले से जर्जर हालत में थी छत
रिगल बिल्डिंग के 64 नंबर हिस्से में दूसरा तल इंद्रेश डेवलेपर प्राईवेट लिमिटेड के नाम है। इसे उसने वर्ष 2008 में खरीदा था। फ्लोर की मालिक रिद्धि वर्मा के मुताबिक यह छत पहले से ही जर्जर हालत में थी और इसे मरम्मत की आवश्यकता थी। वहीं, एनडीएमसी के शुरुआती बयानों में यह कहा जा रहा है कि यह संपत्ति निजी है। इसके साथ ही इसका नक्शा न होने से भी मरम्मत कार्य में दिक्कतें आ रही थी। वैसे, इस हादसे से बंगल की बिल्डिंग नंबर 63 को भी कुछ नुकसान पहुंचा है।
तीन साल तक हादसे का इंतजार करती रही एनडीएमसी
चिंताजनक बात यह कि जब वर्ष 2017 में कनॉट प्लेस में एक इमारत का छज्जा गिरने के बाद एनडीएमसी की ओर से हर इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट सर्टिफिकेट मांगा गया था तब कंपनी ने इसके खतरनाक होने की जानकारी उसे दी थी। साथ ही इसके मरम्मत की मंजूरी मांगी थी, लेकिन एनडीएमसी द्वारा इसके मरम्मत की मंजूरी नहीं दी गई। मतलब, तीन साल तक एनडीएमसी हादसा होने का इंतजार करती रही। रिद्धि वर्मा के मुताबिक उन्हें इसका अंदेशा पहले से था। इसलिए इसमें कभी बैठना शुरू नहीं किया। भले ही हर साल इसकी एवज में एनडीएमसी को संपत्तिकर के रूप में मोटा पैसा समेत अन्य मदों में खर्च उठाते रहे। अगर हम वहां ऑफिस चलाते या किराए पर देते तो न जाने कितना जान-माल की हानि होती।
मिलीभगत का अंदेशा
एनडीएमसी के अधिकारियों और भवन में रहते मिलीभगत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें कुछ दफ्तर अभी चल रहे हैं, लेकिन वह सभी इस खतरनाक इमारत में अब भी चल रहे हैं। इसी तरह नीचे भी कई दफ्तर और एक रेस्तरां चल रहा है। फ्लोर मालिक के मुताबिक कुछ कार्यालय अवैध कब्जा कर चल रहे हैं। इसमें एनडीएमसी अधिकारियों की मिलीभगत लाजमी है।
फरवरी 2017 में भी भरभरा कर गिरी थी छत
फरवरी 2017 में भी कनॉट प्लेस के एक इमारत की छत भरभराकर गिरी थी। तब हादसे का कारण छत पर रखे जनरेटर को बताया गया। इसके बाद तो छत पर रखे जनरेटरों की शामत आ गई। विशेष क्रेन द्वारा कनाॅट प्लेस की इमारतों पर रखे जनरेटरों को हटाया गया। यहीं नहीं, छतों पर चल रहे रेस्तरां को भी बंद करा दिया गया। इसके साथ ही सभी इमारतों का जोर-शोर से सुरक्षा ऑडिट कराने की घोषणा हुई। तब भी यह हादसा हो गया है।
रिगल सिनेमा बिल्डिंग में मौजूद है मैडम तुसाद मोम संग्रहालय
रिगल बिल्डिंग रिगल सिनेमा के लिए जानी जाती है। जो कुछ साल पहले बंद हो गई है। इस बड़ी बिल्डिंग के कई हिस्से है, जिसके कई मालिक है। इसमें कार्यालय के साथ रेस्तरां भी चलते हैं। वहीं, प्रसिद्ध मैडम तुसाद संग्रहालय भी इसी इमारत में मौजूद है।
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