Congress CWC Meeting News Update: अलग-थलग पड़े सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले नेता
Congress CWC Meeting News Update दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा का कहना है कि गांधी परिवार से बाहर किसी को भी कमान दी जाती है तो पार्टी एकजुट नहीं रह पाएगी।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Congress CWC Meeting Details: सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी लीक होने पर मचे घमासान के बीच दिल्ली के सभी वरिष्ठ कांग्रेसियों ने गांधी परिवार के प्रति आस्था जताई है। सभी का एकमत से कहना है कि इस परिवार की कुर्बानियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसी परिवार के नेतृत्व में कांग्रेस ने कई दशकों तक देश संभाला है। प्रदेश कांग्रेस ने तो राहुल गांधी के समर्थन में रविवार शाम ही प्रस्ताव पारित कर दिया था। दूसरी तरफ चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले चारों नेता अब निशाने पर आ गए हैं। उन्हें लेकर तरह तरह की बातें भी उठ रही हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ का कहना है कि उतार-चढ़ाव का दौर हर राजनीतिक दल को देखना पड़ता है, लेकिन कठिन दौर में सारी गलती शीर्ष नेतृत्व की निकाल देना तर्कसंगत नहीं। नेतृत्व पर अंगुली उठाने वाले नेताओं को अपने गिरेबां में भी झांकना चाहिए कि उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए क्या किया? इसलिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी काे ही रहना चाहिए।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा कहते हैं कि देश की आजादी और विकास में कांग्रेस के योगदान को कोई नहीं नकार सकता। तमाम मुश्किलों के बीच भी गांधी परिवार ने मजबूती से देश संभाला है। भाजपा से मुकाबला भी इस परिवार की सरपरस्ती मेें ही हो सकता है। इसलिए अध्यक्ष या तो सोनिया गांधी हों या राहुल गांधी।
पूर्व सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि गांधी परिवार ने देश के लिए प्राण तक न्योछावर किए हैं। एक नहीं, परिवार के अनेक लोगों को खोया है, इसलिए उनसे इतर किसी और को पार्टी की कमान सौंपना कतई जायज नहीं। वैसे भी पार्टी इसी परिवार के साथ एकजुट रह पाएगी।
दूसरी तरफ चिटठी पर हस्ताक्षर करने वाले चारों नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री अब अलग-थलग पड़ गए हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि योगानंद जहां विधानसभा चुनाव के दौरान ही स्वेच्छा से पार्टी छाेड़ चुके हैं वहीं लवली भाजपा में सम्मिलित होकर वापस कांग्रेस में आए थे। इसी तरह से संदीप दीक्षित और कपिल सिब्बल पहले भी बहुत बार पार्टी विरोधी बयान देते आए हैं।
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