क्या केजरीवाल की AAP से गठबंधन की स्थिति में टूट जाएगी कांग्रेस पार्टी
कहा जा रहा है कि अन्य राज्यों की तरह कांग्रेस का एक धड़ा दिल्ली में भी गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन वर्तमान दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन इसके पक्ष में नहीं हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (DPCC) पद से अजय माकन के इस्तीफे की चर्चा के बीच आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन की चर्चा भी फिर से शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि अन्य राज्यों की तरह कांग्रेस का एक धड़ा दिल्ली में भी गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन माकन इसके पक्ष में नहीं हैं। इसी कारण कुछ कांग्रेसी नेता बीच-बीच में प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की अफवाह को बल देते रहते हैं।
उधर, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अभी तो दिल्ली में कांग्रेस केवल सत्ता से बाहर है, AAP से गठबंधन हुआ तो उसका बिखरना भी तय है। गठबंधन का फायदा केवल आप को ही होगा, उसका वोट बैंक कटने से बच जाएगा। आज की तारीख में कांग्रेस दिल्ली में एकजुट होकर दोबारा खड़े होने की हर संभव कोशिश कर रही है। पार्टी की सक्रियता से कार्यकर्ताओं का खोया आत्मविश्वास भी लौट रहा है। पार्टी के कद्दावर नेता मुकेश शर्मा के सीलिंग विरोधी अभियान से इधर-उधर बंटे नेता भी अब साथ आ रहे हैं।
AAP से गठबंधन कर कांग्रेस रहेगी नुकसान में
कांग्रेस की हर रैली में हजारों की भीड़ जुट रही है। ऐसे में AAP से गठबंधन कर कांग्रेस को ही नुकसान होगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो गठबंधन की चर्चा के पीछे कांग्रेस के ही कुछ ऐसे नेता हैं जो निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए AAP का सहारा लेना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि दोनों पार्टियों को मतदाता एक ही है। अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे तो भाजपा को फायदा मिलेगा, जबकि साथ लड़ने पर वोट बैंक नहीं बंटेगा, लेकिन पार्टी को इससे कितनी हानि होगी, इस बात का ऐसे नेताओं को इल्म ही नहीं है।
बढ़ रहा है कांग्रेस का ग्राफ
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि यह सही है कि 2014 और 2015 में कांग्रेस के खिलाफ लहर थी, इसलिए AAP को बहुमत मिल गया, लेकिन अब ऐसा नहीं है। कांग्रेस का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है। दिल्ली के लोग AAP सरकार के कार्यकाल की तुलना शीला दीक्षित के विकास कार्यों से कर रहे हैं। इसीलिए कांग्रेस का मत फीसद नौ से बढ़कर 22 हो गया है, जबकि आप का 56 से घटकर 26 पर आ गया है। राजौरी गार्डन उपचुनाव में कांग्रेस का मत फीसद 9 से 22 तक पहुंच गया और नगर निगम चुनाव में भी पार्टी को 31 सीटों पर विजय प्राप्त हुई।
पार्टी की एकता होगी प्रभावित
पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकेश शर्मा ने कहा कि आप का ग्राफ लगातार गिर रहा है। हर चुनाव में उसे हार मिल रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जो वोट बैंक कांग्रेस से खिसक कर आप की ओर चला गया था, अब धीरे-धीरे कांग्रेस की ओर लौट रहा है। इसीलिए शीला दीक्षित सहित प्रदेश कांग्रेस के अन्य बड़े नेता भी एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। सच यह भी है कि प्रदेश कांग्रेस का कोई भी कद्दावर नेता अपनी परंपरागत लोकसभा सीट छोड़ने को आसानी से तैयार नहीं होगा।
अजय माकन के इस्तीफे की चर्चा, कांग्रेस का इन्कार
दिल्ली में कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगाने के लिए जीजान से जुटे पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबर मंगलवार को दिनभर चर्चा का विषय बनी रही। इस्तीफे को लेकर कयास भी लगाए जाते रहे। कहा गया कि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों से इस्तीफा देकर बेटी के पास विदेश चले गए हैं। वहीं पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव पीसी चाको सहित प्रदेश कांग्रेस के तमाम आला नेताओं ने ऐसी किसी भी खबर को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि माकन ने इस्तीफा नहीं दिया है। वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों से विदेश गए हैं और शनिवार को लौट आएंगे।
मीडिया में मंगलवार सुबह एकाएक माकन के इस्तीफे की खबर से सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया। पार्टी में गुटबाजी सहित इसे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के मददेनजर संभावित गठबंधन के नजरिये से जोड़कर देखा जाने लगा था। कयास लगाया गया कि माकन इस गठबंधन के धुर विरोधी हैं, इसलिए उन्हें त्याग पत्र देने के लिए विवश किया गया।
वहीं कांग्रेस द्वारा हर स्तर पर ऐसी चर्चा का खंडन शुरू हो गया। प्रदेश पार्टी प्रभारी पीसी चाको ने यह भी कहा कि विदेश से लौटने के बाद वह पहले की तरह अपना कार्यभार देखेंगे और 23 को रंगपुरी, महिपालपुर में न्याययुद्ध के तहत होने वाली सीलिंग महापंचायत को संबोधित भी करेंगे। चाको ने यह भी बताया कि विदेश जाने से पहले माकन ने पार्टी हाईकमान राहुल गांधी को इस आशय का सूचना पत्र दिया था।
साथ ही उन्हें भी सूचना दी गई थी। प्रदेश कांग्र्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी और पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने भी माकन के इस्तीफे का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि माकन प्रदेश अध्यक्ष हैं और आगे भी बने रहेंगे। उन्हीं के नेतृत्व में 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा।
क्या है स्वास्थ्य संबंधी समस्या
अजय माकन को काफी दिनों से हड्डियों की समस्या बनी हुई है। उनकी गर्दन और कमर की हड्डी बढ़ गई है। इस वजह से वह ज्यादा देर तक न बैठ पाते हैं, न चल पाते हैं।
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