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लेफ्टि. कर्नल गौरव सोलंकी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए सीएम केजरीवाल, दी श्रद्धांजलि

गौरव सोलंकी के अंतिम संस्कार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने सोलंकी को श्रद्धांजलि दी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 02:51 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 02:51 PM (IST)
लेफ्टि. कर्नल गौरव सोलंकी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए सीएम केजरीवाल, दी श्रद्धांजलि
लेफ्टि. कर्नल गौरव सोलंकी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए सीएम केजरीवाल, दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, जेएनएन। संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के तहत डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में मिलिट्री स्टॉफ ऑफिसर के रूप में तैनात रहे भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। गौरव सोलंकी के अंतिम संस्कार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने सोलंकी को श्रद्धांजलि दी।

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गौरव सोलंकी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की जानकारी देते हुए केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, 'आज उनके (गौरव) अंतिम संस्कार में शामिल हो कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दुख की घड़ी में परमात्मा उनके परिवार को साहस प्रदान करें'।

झील में डूबने से हुई थी मौत
संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के तहत कांगो में मिलिट्री स्टॉफ ऑफिसर के रूप में तैनात भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी की 8 सितंबर को झील में डूबने से मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, गौरव सोलंकी का सहयोगी झील में डूब रहा था और उसे बचाने में गौरव की जान चली गई। उनका शव छ‍ह दिनों बाद मिला। लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी शनिवार दोपहर से लापता थे। उसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया था।

गौरव सोलंकी की तारीफ
गौरव सोलंकी की असमय मौत पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के डिप्टी स्पेशल रिप्रजेंटेटिव फ्रैंकोइस ग्रिगनोन ने़ दुख जताया था। उन्होंने कहा था कि गौरव ने संयुक्त राष्ट्र के संदेश को कांगो के पीड़ित परिवारों तक पहुंचाने का काम किया। बता दें कि डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को मोनुस्को के नाम से जाना जाता है। मिशन के तहत मोनुस्को में फिलहाल 2,613 भारतीय सैनिक सेवाएं दे रहे हैं।

भारत आने वाले थे सोलंकी
लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी को आगामी 16 सितंबर को भारत वापस आना था। वापस आने पर अगले कुछ दिनों में भारत में अपने रेजिमेंट में शामिल होने वाले थे। बताया जा रहा है कि कांगो में रवांडा के साथ लगती सीमा पर एक झील है जिसका नाम 'कीवू'है, जो विश्व की 10 सबसे गहरी झीलों में से एक है। बताया जाता है कि कि इस झील की गहराई लगभग 400 मीटर तक है और इस झील के तल से मीथेन गैस निकलती रहती है।

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