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Janmashtami 2020: सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्कॉन मंदिर में जाकर की बांके बिहारी की पूजा

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्कॉन मंदिर में जाकर वहां भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 04:46 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 05:26 PM (IST)
Janmashtami 2020: सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्कॉन मंदिर में जाकर की बांके बिहारी की पूजा
Janmashtami 2020: सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्कॉन मंदिर में जाकर की बांके बिहारी की पूजा

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्कॉन मंदिर में जाकर वहां भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने आरती की और भगवान कृष्ण से देशवासियों के लिए खुशियां मांगी। कोरोना के कारण इस बार मंदिर में प्रवेश के लिए बने नियमों के मुताबिक मंदिर में शारीरिक दूरी का विशेष खयाल रखा गया और लोगों के साथ मंदिर के पुजारियों ने भी मास्क लगाकर पूजा अर्चना की।

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मंदिर जाने का एक वीडियो अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि 'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इस्कॉन (ISKCON) मंदिर में प्रभु जी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जय श्रीकृष्ण।'

इस्कॉन मंदिर में सीएम केजरीवाल ने भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक भी किया। आरती के बाद मंदिर के पुजारी ने विशेष तरीके से सिर पर मुकुट रख कर आशीर्वाद भी दिया।

इधर, स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने बताया कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस समय भी कोई भीड़भाड़ नहीं थी, लेकिन देवी-देवताओं में हर्षोल्लास पूरी तरह था। उसी तरह इस बार बिना भीड़भाड़ के पूर्ण हर्षोल्लास के साथ सभी लोग जन्माष्टमी का पर्व मनाएं।  गोरखपार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर के प्रमुख स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने सभी लोगों से कोरोना को लेकर सतर्कता बरतने को कहा है। 

उन्होंने कहा कि मंदिर में भी इस वर्ष बिना किसी भीड़भाड़ और बिना झांकी के जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन होगा। इस दौरान मुंह ‘ढको और दूर हटो’ की नीति अपनाई जाएगी। साथ ही भक्तजनों को मंदिर में बैठने की मनाही रहेगी। कोरोना संकट को ध्यान में रखकर अगर सभी लोग घर में रहकर ही जन्माष्टमी पर्व मनाएं तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

उन्होंने कहा कि फिर भी जो भक्त मंदिर तक पहुंच जाएंगे उन्हें 5-5 की संख्या में मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इस दौरान गुफा को बंद रखा जाएगा। वहीं मंदिर के पुजारियों द्वारा निर्धारित समय पर कुछ देर के लिए देर रात में भजन कीर्तन करते हुए जन्मोत्सव मनाया जाएगा। रात्रि में भगवान को भोग तो लगेगा, लेकिन सिर्फ व्रतधारियों को ही प्रसाद दिया जाएगा।


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