दिल्ली में सिविल डिफेंस वालंटियर्स को चालान काटने का अधिकार नहीं, खाकी वर्दी भी नहीं पहन सकते
दिल्ली में सिविल डिफेंस वालंटियर को कोरोना संक्रमण के नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ट्वीट में दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल को भी टैग कर इस बात की जानकारी दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार सुबह ट्वीट कर लोगों को अवगत कराते हुए कहा कि सिविल डिफेंस वालंटियर को कोरोना संक्रमण के नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ट्वीट में दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल को भी टैग कर इस बात की जानकारी दी है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कई महीने से देखा जा रहा है कि सिविल डिफेंस के वालिंटयर कोराेना के नियमों का उल्लंघन करने पर लोगों को चालान कर रहे हैं। वालंटियर न केवल सड़कों पर ऐसा कर रहे हैं बल्कि पार्कों आदि में जाकर भी चालान काट रहे हैं।
नही पहन सकते खाकी वर्दी
चालान की राशि 2000 होने के बाद से दिल्ली में जगह-जगह चौक चौराहे पर घात लगाकर वालंटियर खड़े रहते हैं और लोगों के चालान काटते हैं। जबकि इनके पास अभियोजन का कोई अधिकार नहीं है। खाकी पहने का भी अधिकार नहीं है। खाकी पहनने पर लोगों को लगता है कि वे पुलिसकर्मी हैं। अक्सर इन्हें दिल्ली पुलिसकर्मी समझ लिया जाता है। इनके द्वारा किए गए कुकृत्य दिल्ली पुलिस के समझ लिए जाते हैं। इससे दिल्ली पुलिस की छवि खराब हो रही है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि वालंटियरर्स को पुलिस से मिलती जुलती वर्दी नहीं दी जानी चाहिए। पार्कों में जाकर फर्जी चालान काटने के मामले में संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कुछ वालंटियर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार भी कर चुकी है।
पुलिस ने की जनता से ये अपील
दिल्ली पुलिस ने टवीट के जरिए जनता से अपील की है कि किसी भी चालान को स्वीकार करने से पहले चालान कर्ता की सही पहचान अवश्य कर लें कि वह कौन है। बता दें 31 दिसंबर को कुछ लोगों ने नार्थ एवेन्यू थाने में सिविल डिफेंस वालंटियर सन्नी, यशवंत राठी व लकी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि वालिंटयर्स ने तालकटोरा गार्डन में उनसे 4000 रुपये पेटीएम लेकर फर्जी चालान थमा दिया था। जांच के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी तैनाती जाम नगर एसडीएम कार्यालय में थी। इसके अलावा भी फर्जी चालान स्लीप देकर चालान काटने के कई मामले सामने आ चुके हैं।