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ऐप के द्वारा भारतीयों से ठगी में दो चीनी महिला सहित 12 गिरफ्तार, जानिए कैसे होती थी चीटिंग

ठग मोटी कमाई का झांसा देकर लोगों से मल्टी-लेवल मार्केटिंग के नाम पर ऐप डाउन लोड करवाते थे। शुरूआत में ऐप में अलग-अलग काम पूरा करने को कहा जाता था। बाद में ऐप के लिंक को पीड़ितों को उनके फेसबुक इंस्टाग्राम पर शेयर करने का निर्देश दिया जाता था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 06:45 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 12:13 PM (IST)
ऐप के द्वारा भारतीयों से ठगी में दो चीनी महिला सहित 12 गिरफ्तार, जानिए कैसे होती थी चीटिंग
ऑनलाइन मल्टी-लेवल मार्केटिंग ऐप के माध्मय से करते थे ठगी।

नई दिल्ली, संतोष शर्मा। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने ऐप के द्वारा भारतीयों से ठगी करने के मामले में दो चीनी महिला सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित ऑनलाइन मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) ऐप के माध्मय से लोगों को मोटी कमाई का झांसा देते थे। गिरोह करीब 40 हजार लोगों को करोड़ों का चूना लगा चूके हैं। लोगों से ठगे गए रुपये आभाषी मुद्रा के माध्यम से विदेश भेजे जाते थे। चीनी ठगों की पहचान चीन सिचुआन के रहने वाले चाओहोंग देंग दाओयोंग और वू जियाजी के रूप में हुई है। आरोपित में एक तिब्बती जबकि अन्य भारतीय हैं। चीनी ठगों के पास से 25 लाख नकद बरामद किए गए हैं। जबकि उनके विभिन्न खातों में ठगी के जमा 4.50 करोड़ रुपये को फ्रीज करा दिया गया है। मामले की छानबीन जारी है। जल्द ही और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।

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साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अन्येष राय ने बताया कि पुलिस को जानकरी मिली थी कि देश भर में लोगों के मोबाइल फोन पर संदिग्ध वाट्स ऐप संदेश भेजे जा रहे हैं। लोगों को वाट्स ऐप संदेश में दिए गए लिंक के माध्यम से एक ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ठग ऐप में मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) अभियान में जुड़ने से मात्र 30 मिनट से भी रोजाना मोटी कमाई का झांसा दे रहे थे।

कमाई का जरिया देखकर हजारों लोगों ने अपने मोबाइल पर क्यूक्यू ब्राउजर ऐप से संदिग्ध ऐप को डाउन लोड कर लिया था। यह भी पता चला कि उक्त ऐप का संचालन विदेश से किया जा रहा है। इसमें भविष्य में भारतीयों के डाटा का दुरुपयोग की संभावना थी। संदेश वर्चुअल नंबर से भेजे जा रहे थे। लिहाजा पुलिस ने फारेंसिक लैब से इसकी जांच कराई तो पता चला कि वह फर्जी है। यह भी पता चला कि लोगों के पास न्यू वर्ड.ऐपीके नाम के ऐप का लिंक भेजा जा रहा है। इसके मूल ऐप को भारत सरकार का आइटी मंत्रालय गत जून महीने में ही प्रतिबंधित कर चुका है।

इसी बीच धोखाधड़ी की शिकार एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि ऐप के माध्यम से उनसे 50 हजार रुपये ठग लिए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज कर एसीपी आदित्य गौतम की टीम ने मामले की जांच शरू की। इसमें पता चला कि धोखाधड़ी से मिले रुपये विभिन्न बैंक खातों में भेजे जा रहे हैं। जिन कुछ खातों में रुपये भेजे जा रहे थे वह भारतीय कंपनियों के निदेशकों के नाम से खोले गए थे। भारतीय निदेशकों के प्रोफाइल संदेह वाले थे। जबकि कंपनी के मुख्य निदेशक चीनी नागरिकों को बनाया गया था। भारतीय खाते में आए रुपये को नकली कंपनियों और क्रिप्टो वॉलेट के माध्यम से विदेशों में भेजा जा रहा था। वहीं, तकनीकी निगरानी के माध्यम से आरोपितों की पहचाना की गई। बाद में पुलिस की टीम ने दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग स्थानों पर छापा मारकर 13 जनवरी को दो महिला चीनी नागरिक सहित 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। भारतीय कंपनी के निदेशक विदेशी ठगों के लिए अकाउंटेंट, चालक और आफिस ब्वाय के रूप में काम कर रहे थे।

वीवीआइपी अकाउंट खुलवाने के नाम पर 50 हजार तक ठग लेते थे

ठग मोटी कमाई का झांसा देकर लोगों से मल्टी-लेवल मार्केटिंग के नाम पर ऐप डाउन लोड करवाते थे। शुरूआत में ऐप में अलग-अलग काम पूरा करने को कहा जाता था। बाद में ऐप के लिंक को पीड़ितों को उनके ऑनलाइन मीडिया जैसे फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर शेयर करने का निर्देश दिया जाता था। वहीं जब लोग ऐप में सक्रिय हो जाते थे तो उन्हें अलग से वीवीआइपी अकाउंट बनाने को कहा जाता था ताकि कमाई हो सके। इस अकाउंट के लिए लोगों से 50 हजार रुपये तक ठग लिए जाते थे।

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