जीएसटी के साथ लिया 660 रुपये सर्विस चार्ज, 18 हजार भरा हर्जाना
प्रबंधक से कई बार कहा कि सर्विस चार्ज नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि इसके लिए कोई होटल या रेस्तरां बाध्य नहीं कर सकता। इसके बावजूद कैफे प्रबंधन ने उनसे 660 रुपये सर्विस चार्ज ले लिया।
नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। खान मार्केट स्थित एक कैफे/बार को खाने के बिल पर जीएसटी के साथ सर्विस चार्ज लेना महंगा पड़ गया। उसे 660 रुपये सर्विस चार्ज लेने के बदले 18 हजार रुपये का हर्जाना देना पड़ा। मामला उपभोक्ता फोरम में जाने के बाद कैफे चेन के आला अधिकारियों ने मुंबई से आकर शिकायतकर्ता को फोरम में 18 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट दिया। इसके बाद फोरम ने याचिका का निपटारा कर दिया।
30 जनवरी 2018 को दी शिकायत
अधिवक्ता निहित डालमिया ने खान मार्केट स्थित हैरीज कैफे/बार के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में 30 जनवरी 2018 को शिकायत दी थी। शिकायत के मुताबिक, निहित अपने कुछ दोस्तों के साथ 4 नवंबर 2017 को रात्रि भोज के लिए उपरोक्त कैफे में गए। वहां उनका बिल करीब 7 हजार रुपये बना, जिसमें कुछ हिस्सा एल्कोहल का था। उस पर कैफे प्रबंधन ने वैट लिया और बाकी हिस्सा खाने का था तो उस पर जीएसटी ले लिया।
660 रुपये सर्विस चार्ज
शिकायत के मुताबिक, यहां तक तो ठीक था, लेकिन कैफे प्रबंधन ने जीएसटी और वैट के बाद बने बिल पर 10 फीसदी सर्विस चार्ज भी ले लिया। निहित डालमिया ने फोरम को बताया कि उन्होंने प्रबंधक से कई बार कहा कि सर्विस चार्ज नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि इसके लिए कोई होटल या रेस्तरां बाध्य नहीं कर सकता। इसके बावजूद कैफे प्रबंधन ने उनसे 660 रुपये सर्विस चार्ज ले लिया।
याचिका का निपटारा
निहित की दलीलों के बाद उपभोक्ता फोरम ने हैरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया। 17 जुलाई को कंपनी के आला अधिकारियों ने फोरम में अपना पक्ष रखा और जुर्माने के तौर पर 18 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा कराया। इसके बाद छह अगस्त को उपभोक्ता फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया।