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आजाद थे, आजाद ही रहे वीर क्रांतिकारी आजाद : अनिल आर्य

केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद प्रखर देशभक्त थे। उनसे प्रेरणा लेकर सैंकड़ो नौजवान आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। उनका संकल्प मैं आजाद हूँ आजाद रहूँगा और आजाद ही मरूंगा”।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 05:55 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 05:55 PM (IST)
आजाद थे, आजाद ही रहे वीर क्रांतिकारी आजाद : अनिल आर्य
संत रविदास की जयंती व क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद को अर्पित की गई श्रद्धांजलि

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में भारतीय परंपरा के महान संत रविदास की जयंती व क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के 90 वे बलिदान दिवस पर ऑनलाइन गोष्ठी का जूम पर आयोजन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । यह परिषद का कॅरोना काल में 180 वां वेबिनार था।  वैदिक विद्वान आर्य रविदेव गुप्ता ने कहा कि समाज में फैले भेद-भाव, छुआछूत का संत रविदास ने जमकर विरोध किया। उन्होंने जीवन भर लोगों को अमीर-गरीब, ऊंच नीच समाज के हर व्यक्ति के प्रति एक समान सम्मान व श्रद्धा भावना रखने की प्रेरणा दी। उनका मानना था कि हर व्यक्ति को भगवान ने बनाया है, इसलिए सभी को एक समान ही समझा जाना चाहिए। वह लोगों को एक दूसरे से प्रेम और सम्मान करने की सीख दिया करते थे। वह सामाजिक समरसता के नायक रहे।

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केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद प्रखर देशभक्त थे। उनसे प्रेरणा लेकर सैंकड़ो नौजवान आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। उनका संकल्प "मैं आजाद हूँ, आजाद रहूँगा और आजाद ही मरूंगा”। यह नारा लगाने वाले भारत की आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले देश के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद वास्तव में आज़ाद ही बलिदान हुए। अंग्रेजों की गोली से मरने के स्थान पर उन्होंने स्वयं की गोली से मरना पसंद किया और वीर गति को प्राप्त हुए ऐसे महान क्रांतिकारी के जीवन से राष्ट्रभक्ति की ऊर्जा का संचार होता है। चन्द्रशेखर आज़ाद ने वीरता की एक नई परिभाषा लिखी थी।

कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र आहूजा 'विवेक' (राज्य ओषधि नियंत्रक, हरियाणा सरकार) ने कहा कि संत रविदास ने जाति प्रथा के उन्मूलन में उल्लेखनीय प्रयास किया । आज भी उनके आदर्श अधूरे हैं जिसे सबने मिलकर पूरा करना है और एक ऐसे समाज की स्थापना करनी है जहाँ ऊंच नीच,भेदभाव द्वेष भावना न हो ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि संत रविदास बहुत दयालु थे। दूसरों की सहायता करना उन्‍हें भाता था। कहीं साधु-संत मिल जाएं तो वे उनकी सेवा करने से पीछे नहीं हटते थे। 

योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि चन्द्रशेखर आज़ाद के बलिदान के बाद उनके द्वारा प्रारम्भ किया गया आन्दोलन और तेज हो गया, उनसे प्रेरणा लेकर हजारों युवक स्‍वतन्त्रता आन्दोलन में कूद पड़े।

गायिका सविता आर्या,रविन्द्र गुप्ता, कुसुम भण्डारी,ईश्वर देवी आर्या,प्रवीना ठक्कर, आशा आर्या आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आचार्य महेन्द्र भाई, सत्यभूषण आर्य,आचार्य भानुप्रताप वेदालंकार,आनन्द प्रकाश आर्य,ईश कुमार आर्य, आनन्द सूरी,डॉ रचना चावला, हरिओम शास्त्री,सुरेश आर्य, ललित बजाज आदि उपस्थित थे।


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