Move to Jagran APP

...तो एक चूक से खत्‍म हो जाएंगे मुगलकाल के 100 से ज्‍यादा बाजार, हर शाम यहां जमती है रौनक

कश्मीरी गेट व अजमेरी गेट समेत अन्य छोटे-बड़े बाजारों में एक लाख से अधिक थोक और खुदरा दुकानें हैं। चार से पांच मंजिला एक-एक इमारतों में 40 से 50 तक दुकानें हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:50 AM (IST)
...तो एक चूक से खत्‍म हो जाएंगे मुगलकाल के 100 से ज्‍यादा बाजार, हर शाम यहां जमती है रौनक
...तो एक चूक से खत्‍म हो जाएंगे मुगलकाल के 100 से ज्‍यादा बाजार, हर शाम यहां जमती है रौनक

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुगलकालीन पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों में देश का सबसे बड़ा थोक बाजार बसता है। चांदनी चौक, खारी बावली, चावड़ी बाजार, लाल कुआं, किनारी बाजार, भागीरथ पैलेस, सदर बाजार, कश्मीरी गेट व अजमेरी गेट समेत अन्य छोटे-बड़े बाजारों में एक लाख से अधिक थोक और खुदरा दुकानें हैं। चार से पांच मंजिला एक-एक इमारतों में 40 से 50 तक दुकानें हैं। इन्हीं गलियों के घरों को गोदाम बनाते हुए उसमें सामान रखे जा रहे हैं।

loksabha election banner

कागज और प्‍लास्‍टिक के सामान से बनते हैं यहां

इनमें कपड़े, परिधान, गोटा, जरी, कागज, प्लास्टिक, सजावटी सामान, कागज व प्लास्टिक के सामान है जो आग को और हवा देते हैं। इन्हीं के बीच-बीच में अवैध फैक्ट्रियां भी चल रही हैं। ऐसी ही अनाज मंडी में स्थिति एक फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई।

इस कारण हालात हैं चिंताजनक

चिंताजनक स्थिति यह कि 95 फीसद से अधिक व्यवसायिक इमारतों में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां तक कि सीढ़ियां और गलियां संकरी हैं। व्यवसायीकरण के साथ यहां संपत्ति महंगी होती चली गई। बिल्डर माफिया घुस आए।

नगर निगम और दिल्‍ली पुलिस से सांठ-गांठ से बनी मनमानी इमारतें

नगर निगम और दिल्ली पुलिस से सांठ-गांठ कर मनमाने तरीके से इमारते बनाई। सीढ़ियों के सहारे मोटे-मोटे बिजली के जाल ऊपर बिल्डिंग तक चले जाते हैं। नीचे सड़क से लेकर गलियों तक में वाहनों की पार्किंग और अवैध रेहड़ी-पटरी वालों से भरी है।

नहीं पहुंच पाती हैं गाड़ियां

संकरी गलियों में किसी भी दुकान में आग लग जाए तो आग बुझाने की गाड़ियां तक नहीं पहुंच पाएंगी। इन बाजारों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के प्रयास ज्यादा सफल नहीं हुए हैं। चावड़ी बाजार का कागज का कुछ ही कारोबार गाजीपुर मंडी में जा पाया है, वहीं होलंबी कलां में अब जाकर तिलक बाजार की कुछ सौ दुकानें गई हैं। चांदनी चौक के पुनर्विकास का काम चल रहा है, लेकिन वह लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक मुख्य मार्ग तक ही है। अंदर संकरी गलियों की डरावनी तस्वीरें वैसी ही हैं।

उठी पुनर्विकास की मांग
वैसे, अब इस आग की दिल दहला देने वाली घटना के बाद यहां के कारोबारी अब पूरे पुरानी दिल्ली के पुनर्विकास की मांग कर रहे हैं। अब वे दूसरी जगह जाने को भी तैयार हैं। इस बारे में चावड़ी बाजार के प्रधान राजेंद्र गुप्ता कहते हैं कि वे दिल्ली सरकार से इसे लेकर कई प्रस्ताव दे चुके हैं, क्योंकि यहां की नारकीय स्थिति के कारण कारोबारियों की आने वाली पीढ़ियां यहां कारोबार को इच्छुक नहीं हैं। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव कहते हैं कि अगर सिविक एजेंसियां और दिल्ली पुलिस अभी सचेत हो जाएं तो काफी हद तक चीजों को सुधारा जा सकता है। अतिक्रमण व अवैध पार्किंग पर लगाम लगाना होगा।

अतिक्रमण व अवैध पार्किंग करोलबाग की बड़ी मुसीबत

करोलबाग इलाके के किसी भी बाजार में आग लगने की घटना होने पर अग्निशमन वाहन का घटना स्थल तक पहुंचना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है। इसका मुख्य कारण अतिक्रमण, तहबाजारी, बेतरतीब ढंग से रोड पर पार्क गाड़ियां, रेहड़ी-पटरी वाले और ई-रिक्शा चालक हैं। हर समय ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। यहां के दुकानदार भले ही इस बात का दावा करते हों, लेकिन उनके पास आगजनी की घटना से निपटने के लिए अग्निशमन यंत्र नहीं हैं। अगर किसी के पास मिल भी गया तो उसको चलाना तक नहीं जानते हैं। वहीं भीड़भाड़ होने और जगह-जगह जाम की स्थिति होने के कारण अग्निशमन वाहनों को घटना स्थल तक पहुंचने में भीड़भाड़ होने की वजह से मशक्कत करनी पड़ती है।

सबसे ज्‍यादा चर्चित आर्य समाज रोड पर हैं यह मार्केट

सबसे ज्यादा चर्चित आर्य समाज रोड पर स्थित गफ्फार मार्केट, रानी झांसी मार्केट और देशबंधु मार्केट काफी विख्यात है। ऑटो-पार्ट्स के लिए नाईवाला इलाका जाना जाता है तो देवनगर स्थित टैंकर रेडिमेड कपड़ों के लिए एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। रैगरपुरा इलाके की हर गली में अवैध रूप से सोने के आभूषण तैयार करने के कारखाने चल रहे हैं।

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.