चिकित्सा निदेशक की नियुक्ति को चुनौती, हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
अधिवक्ता अवध कौशिक के माध्यम से याचिका दायर कर याचिकाकर्ता सुरेश गौड़ ने कहा कि 10 मार्च 2021 को स्पेशलिस्ट (आर्थोपेडिक्स) डा. नवनीत कुमार गोयल की नियुक्ति का आदेश पूरी तरह से असंगत और अवैध था। उन्होंने नियुक्ति के आदेश को रद करने की मांग की है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। रोहिणी स्थिति डा. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के चिकित्सा निदेशक की नियुक्ति को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी कर 23 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
नियुक्ति के आदेश को रद करने की मांग
अधिवक्ता अवध कौशिक के माध्यम से याचिका दायर कर याचिकाकर्ता सुरेश गौड़ ने कहा कि 10 मार्च 2021 को स्पेशलिस्ट (आर्थोपेडिक्स) डा. नवनीत कुमार गोयल की नियुक्ति का आदेश पूरी तरह से असंगत और अवैध था। उन्होंने नियुक्ति के आदेश को रद करने की मांग की है।
उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित करने की मांग
उन्होंने मामले के जुड़े रिकार्ड को मांगने का निर्देश देने की मांग की। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि दिल्ली सरकार समेत अन्य पक्षकारों से पूछा जाये कि जूनियर और उक्त पद के लिए अयोग्य होने के बावजूद भी आखिर उन्होंने किस नियम और अधिकार के तहत डाॅ. नवनीत कुमार गोयल की नियुक्ति की है। सुरेश गौर ने मामले की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित करने का निर्देश देने की भी मांग की, ताकि यह पता चल सके कि आखिर किन परिस्थितियों में अनुभवी और वरिष्ठ चिकित्सकों को छाेड़कर डाॅ. नवनीत की नियुक्ति की गई है।
उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला तथ्य है कि गोयल के पास वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) भी नहीं है, जो एक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक के रूप में एक डाक्टर की नियुक्ति के लिए बुनियादी और आवश्यक योग्यता है, क्योंकि डा. नवनीत सिर्फ एक ग्रेड-1 चिकित्सा अधिकारी हैं। उन्हाेंने कहा कि दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में काम करने वाले 100 से अधिक एसजी स्तर के डाक्टर और चिकित्सा अधिकारी उनसे वरिष्ठ हैं।