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पुनर्विकास के लिए South Delhi में 315 पेड़ों को काटने की अनुमति देने के फैसले को चुनौती

दक्षिण दिल्ली की कॉलोनी में पुर्नविकास करने के लिए 315 पेड़ों की कटाई और प्रत्योरोपण की अनुमति देने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने वन विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर जवाब मांगा है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:33 PM (IST)
पुनर्विकास के लिए South Delhi में 315 पेड़ों को काटने की अनुमति देने के फैसले को चुनौती
315 पेड़ों की कटाई और प्रत्योरोपण की अनुमति देने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली की कॉलोनी में पुर्नविकास करने के लिए 315 पेड़ों की कटाई और प्रत्योरोपण की अनुमति देने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने वन विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य पीठ ने इसके साथ ही उप-वन संरक्षक दक्षिण, राष्ट्रीय भवन निर्माण निर्माण (एनबीसीसी) को नोटिस जारी किया है।

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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के काउंसलर याचिकाकर्ता, अभिषेक दत्त ने 14 सितंबर के उप-वन संरक्षक (दक्षिण) के निर्णय रद करने की मांग की है। वन विभाग ने उक्त आदेश में अगस्त क्रांति मार्ग स्थित अयूर विज्ञान के पुनर्विकास के लिए 315 पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण की अनुमति दी गई है। 

अधिवक्ता वरुण के चोपड़ा के माध्यम से दायर याचिका में अभिषेक ने दलील दी है कि 14 सितंबर का निर्णय दिमाग का इस्तेमाल किए लिया गया है और परियोजना को मंजूरी देने के लिए कोई कारण नहीं बताया गया है। चोपड़ा ने पीठ को बताया कि दिल्ली के बीचोबीच 315 हरे पेड़ों को काटने का आदेश देकर नागरिकों के साफ हवा के अधिकार का हनन किया गया है। उन्होंने वन विभाग के आदेश पर 11 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक रोक लगाने की मांंग की। हालांकि, अदालत ने रोक लगाने से इन्कार कर दिया। 

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