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मतदाता सूची पर रार : CEO ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातिगत वोटों पर कही ये बात

सीईओ कार्यालय ने स्पष्ट किया की मतदाता सूची में वोटों का कोई जातिगत आंकड़ा नहीं रखा जाता। आम आदमी पार्टी व भाजपा के बीच पिछले करीब डेढ़ दो महीने से एक दूसरे पर अंगुली उठा रहे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 09:47 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 01:19 PM (IST)
मतदाता सूची पर रार : CEO  ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातिगत वोटों पर कही ये बात
मतदाता सूची पर रार : CEO ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातिगत वोटों पर कही ये बात

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। मतदाता सूची से नाम काटे जाने को लेकर चल रही सियासी खींचतान पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने विराम लगा दिया है। मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसर जनवरी से दिसंबर 2018 के दौरान केवल 1,99,100 वोट कटे हैं, जो मतदाता सूची पुनरीक्षण का हिस्सा है। यह कार्य हर बार चुनाव से पहले अवश्य किया जाता है।

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नहीं होता जातिगत आंकड़ा
इसके साथ ही सीईओ कार्यालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मतदाता सूची में वोटों का कोई जातिगत आंकड़ा नहीं रखा जाता। आम आदमी पार्टी व भाजपा के बीच पिछले करीब डेढ़ दो महीने से चल रहे इस विवाद के बीच मंगलवार की सुबह सीईओ कार्यालय ने मतदाता सूची की स्पष्टता को लेकर ही सर्वदलीय बैठक बुलाई।

बैठक में मौजूद सभी दलों के नेता
इस बैठक में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह सहित आप, भाजपा, कांग्रेस और बसपा के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। सीईओ कार्यालय ने पिछले चार साल के दौरान मतदाता सूची से 10 लाख से अधिक नाम काटने के आरोप से साफ इन्कार कर दिया। इस दौरान 2012 से दिसंबर 2018 तक की मतदाता सूची के आंकडे़ भी पेश किए गए। आंकड़ों के मुताबिक 2012 में दिल्ली के कुल मतदाता 1,14,60,537 थे जबकि अब 1,36,15,776 हैं।

छह साल में बढ़े 22 लाख मतदाता
यानी पिछले पांच से छह वर्षो के दौरान दिल्ली में 22 लाख से भी ज्यादा मतदाता बढ़ गए हैं। सीईओ कार्यालय की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि जनवरी से दिसंबर 2018 के मध्य जो नाम कटे हैं, वो या तो उनके हैं जिनकी मौत हो गई अथवा जिनका स्थानांतरण हो गया।

2014 में भी हुआ था पुनरीक्षण
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जब मतदाता सूची का पुनरीक्षण हुआ था, तब भी 1,99,848 वोट कटे थे। बैठक में कांग्रेस के प्रतिनिधि वरिष्ठ नेता चतर सिंह ने सवाल किया, आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि वैश्य मतदाताओं के वोट ज्यादा काटे गए हैं। क्या मतदाताओं का जातिगत रिकॉर्ड भी रखा जाता है? इसके जवाब में सीईओ ने कहा कि ऐसा कोई आंकड़ा या रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।

बूथ लेवल एजेंट बनाने में कांग्रेस अव्वल 
सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों द्वारा बनाए जाने वाले बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) के आंकडे़ भी साझा किए गए। इनमें कांग्रेस सबसे मजबूत नजर आई। कांग्रेस ने जहां अब तक 2,759 बीएलए बनाए हैं वहीं भाजपा ने 1,843, आम आदमी पार्टी ने 704 और बीएसपी ने 460 बीएलए बनाए हैं।

सन 2012 से 2018 तक वर्षवार दिल्ली की मतदाता सूची के आंकड़े
वर्ष       मतदाता         अंतर        फीसद
2012  1,14,60,537  -- --
2013  1,22,60,341   7,99,804    6.52
2014  1,20,60,493   1,99,848    1.65
2015  1,30,85,251   10,24,758   7.83
2016  1,33,09,936   2,24,685    1.68
2017  1,34,70,263   1,60,327    1.19
जनवरी 2018  1,38,14,876  3,44,613 2.49

दिसंबर 2018 1,36,15,776  1,99,100    1.46


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