दिल्ली में 25 फीसद तक कम हुआ वायु प्रदूषण, 4654 हेक्टेयर ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाया: गोपाल राय
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अब बड़ा लक्ष्य तय किया है। दिल्ली के अंदर सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट मंट लंबे समय से विदेशी कीकर है। उससे न सिर्फ जमीन खराब हो रही है बल्कि दिल्ली के वातावरण को बेहतर करने में भी कोई योगदान नहीं है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पिछले कई सालों से लगातार काम कर रही है। पिछले एक साल से युद्ध स्तर पर काम की गति को बढ़ाया गया है। दिल्ली के अंदर सरकार बनने पर दिल्ली के लोगों से 10 कामों की गारंटी देने का वादा किया था। जिसमें दूसरे कामों के साथ दिल्ली में प्रदूषण स्तर को कम करने की जिम्मेदारी सरकार ने जनता के साथ मिलकर ली थी।
इसके तहत बहुत सारे अभियान दिल्ली के अंदर चलाए गए। जिसके परिणामस्वरूप कई रिपोर्ट आयी है, जो बताता है कि दिल्ली के अंदर 15 से 25 फ़ीसदी तक प्रदूषण कम हुआ है। दिल्ली के अंदर हमने सभी कामों के साथ-साथ प्रदूषण स्तर कम करने के लिए वृक्षारोपण अभियान चलाया। पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान लक्ष्य को हासिल किया। केंद्र सरकार ने लक्ष्य दिया था कि दिल्ली के अंदर 15.20 लाख पौधे लगाए जाएं। जबकि दिल्ली सरकार ने 31 लाख का लक्ष्य तय किया था। हमने पूरे साल में वृक्षारोपण के आंकड़े इकट्ठा किए हैं। दिल्ली के अंदर 32 लाख पौधे अलग-अलग विभागों के द्वारा लगाए गए हैं। यह केंद्र सरकार के लक्ष्य से 210 प्रतिशत ज्यादा है।
गोपाल राय ने कहा कि इसका असर दिल्ली के पर्यावरण पर दिख रहा है। इसके साथ दिल्ली के अंदर 2338 हेक्टेयर ग्रीन क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य केंद्रीय मंत्रालय ने दिया था। केंद्रीय मंत्रायल की ओर से हर राज्य को हर साल लक्ष्य दिया जाता है। दिल्ली ने 2338 हेक्टेयर की जगह 4654 हेक्टेयर ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाया है।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अब बड़ा लक्ष्य तय किया है। दिल्ली के अंदर सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट मंट लंबे समय से विदेशी कीकर है। उससे न सिर्फ जमीन खराब हो रही है बल्कि दिल्ली के वातावरण को बेहतर करने में भी कोई योगदान नहीं है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने 423 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले विलायती कीकर से दिल्ली को मुक्ति दिलाने के लिए कमेटी का गठन किया है। सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरे क्षेत्र के अंदर स्थानीय प्रजातियों को लगाने का काम किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। जिससे आगामी दिनों में दिल्ली के अंदर अधिक हरित क्षेत्र विकसित कर पाएंगे जो कि दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर करने में अपना योगदान दे सकेंगे।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी डस्ट अभियान चला रहे हैं और वाहन प्रदूषण को भी रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा पराली के प्रदूषण को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। इसी बीच पिछले दिनों शोध रिपोर्ट हमारे सामने आयी है कि कुछ खास पौधे वायु प्रदूषण को कम करने में ज्यादा सहयोगी हो सकते हैं। ऐसे पौधों की प्रजाति सामने आई है जो कि वायु को ज्यादा साफ करती है। दिल्ली के अंदर हम सभी एजेंसियों से कह रहे हैं कि पीपल, नीम, गूलर, अमलतास, जामुन, पिलखन और देसी कीकर का वायु को साफ करने में ज्यादा भूमिका होती है। कई जगह पर ऐसे पौधे लगे हुए हैं जो हरे-भरे तो हैं लेकिन हवा की गुणवत्ता को बेहतर करने में उनका उतना योगदान नहीं है, जितना इन पौधों का हो सकता है। अब हमारी कोशिश है कि पूरी दिल्ली के अंदर इन पौधों को लगाने में प्राथमिकता दी जाए। जिससे कि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।