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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर केंद्र सरकार देगी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

Delhi NCR Pollution 2020 दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण मामले में सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने केद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने का समय देते हुए मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 07:58 AM (IST)
पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुद्दा उठाया गया है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह बताए कि वायु प्रदूषण रोकने के गठित आयोग ने क्या उपाय किए हैं। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में उनका हलफनामा लगभग तैयार है और दो दिन में दाखिल कर दिया जाएगा। केंद्र ने कोर्ट को बताया कि विगत तीन दिसंबर से दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा पराली जलाने से जुड़ा नहीं रहा। इसका ब्योरा वह हलफनामे में देगा। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण मामले में सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने केद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने का समय देते हुए मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी। इससे पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता आदित्य दुबे की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 14 सदस्यीय आयोग गठित किया गया है लेकिन इस आयोग ने कुछ नहीं किया है। आदित्य दुबे (नाबालिग) की ओर से दाखिल याचिका में पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुद्दा उठाया गया है।

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विकास संह की दलील पर केंद्र सरकार की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि उनका हलफनामा लगभग तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में एक समग्र हलफनामा तैयार कर रही है। उन्हें दो दिन का समय दिया जाए। पीठ ने कहा ठीक है आप हलफनामा दाखिल करिए। इसी बीच एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि पराली जलने की घटनाओं मे पांच फीसद इजाफा हुआ है। लेकिन भाटी ने फिर कहा कि केन्द्र इस बावत समग्र हलफनामा दाखिल करेगा।

पिछली सुनवाई पर सरकार ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली एसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए आयोग गठित किया गया है और आयोग ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। इस पर कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह सुनिश्चित करे कि दिल्ली में स्मॉग ना हो। सुप्रीम कोर्ट ने उस समय वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए आयोग गठित होने को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण की निगरानी के लिए जस्टिस मदन बी. लोकुर की कमेटी गठित करने के अपने आदेश को फिलहाल के लिए टाल दिया था।

मौखिक मेंशनिंग की मांग ठुकराई

वायु प्रदूषण मामले में चल रही सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने तत्काल जरूरत वाले केस के लिए मौखिक मेंश¨नग का कुछ समय तय करने की मांग की। विकास सह ने कहा कि अभी वीडियो कांफ्रें¨सग से हो रही सुनवाई में मौखिक मेंश¨नग पूरी तरह बंद है। उनकी मांग ठुकराते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप इस संबंध में ईमेल के जरिए मांग रख सकते हैं। मौखिक मेंशनिंग की सुविधा के लिए अभी पर्याप्त लिंक उपलब्ध नहीं हैं। विकास सिंह ने कहा कि ईमेल से उद्देश्य पूरा नहीं होता, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने फिर कहा कि सिर्फ ईमेल करें।

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