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जेएनयू आंदोलन का जल्द समाधान चाहती है सरकार, मंत्री ने उच्चस्तरीय कमेटी को दिया निर्देश

मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से चर्चा के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी को बातचीत कर विवाद तुरंत खत्म करने को कहा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 07:20 AM (IST)
जेएनयू आंदोलन का जल्द समाधान चाहती है सरकार, मंत्री ने उच्चस्तरीय कमेटी को दिया निर्देश
जेएनयू आंदोलन का जल्द समाधान चाहती है सरकार, मंत्री ने उच्चस्तरीय कमेटी को दिया निर्देश

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों के आंदोलन को जल्द से जल्द सुलझाने की कवायद तेज है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से चर्चा के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी को बातचीत कर विवाद तुरंत खत्म करने को कहा है। समन्वय बढ़ाने के लिहाज से कुलपति (वीसी) और डीन को भी समिति में शामिल करने पर विचार हुआ है।

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आंदोलित छात्रों ने पिछले दिनों निशंक से हुई वार्ता के दौरान भी इसकी शिकायत की थी। मंत्रालय के दखल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने नरमी दिखाते हुए छात्रावास के तय नियमों सहित फीस में की गई बढ़ोतरी को कुछ कम तो कर दिया था, लेकिन इससे छात्रों की नाखुशी खत्म नहीं हुई। छात्रों की मांग है कि फीस बढ़ोतरी को पूरी तरह वापस लिया जाए। हालांकि मंत्रालय सूत्रों के अनुसार फिलहाल यूटिलिटी चार्ज और सर्विस चार्ज नहीं वसूलने का भी फैसला हो रहा है।

इस बीच, मंत्रालय की ओर से गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने छात्रों के साथ ऐसे सभी विषयों पर विस्तृत चर्चा की है। फिलहाल अब तक की बैठक से जो रुझान सामने आए हैं, वे सकारात्मक हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही छात्रों और प्रशासन के बीच कोई सहमति बन जाएगी। बता दें कि जेएनयू के आंदोलित छात्रों से चर्चा के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी में यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष वीएस चौहान, डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन को शामिल किया गया है।

बीएचयू, एएमयू समेत दूसरे विवि में जेएनयू से ज्यादा फीस


जेएनयू छात्रों की मांगों के बीच देश के सभी प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रावास फीस सहित सर्विस चार्ज और यूटीलिटी चार्ज का एक ब्योरा सामने आया है। इसमें जेएनयू के छात्रावास की फीस सबसे कम सालाना 120 रुपये है, जबकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सालाना 2,660 रुपये, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में सालाना 1,200 रुपये और दिल्ली विश्वविद्यालय में सालाना 500 रुपये और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सालाना 2,500 रुपये है। हालांकि यूटिलिटी चार्ज जिसमें बिजली और पानी शामिल है तथा सर्विस चार्ज जिसमें खाना बनाने वाले कुक का वेतन शामिल है, की बात करें तो बीएचयू को छोड़कर लगभग सभी विश्वविद्यालयों में इसे लिया जा रहा है। यह स्थिति तब है कि जब जेएनयू की स्थिति दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों से अलग है।

जेएनयू के सबसे ज्यादा छात्रों को मिल रही छात्रवृत्ति

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेएनयू में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले (एमफिल, पीएचडी, नेट आदि) करने वाले करीब 71 फीसद छात्र ऐसे हैं जिन्हें छात्रवृत्ति मिल रही है। उन्हें 5,000 रुपये प्रतिमाह से लेकर 35,000 हजार रुपये तक छात्रवृत्ति मिल रही है। दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों में यह आंकड़ा औसतन 10 फीसद है। एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसे कोई छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है।

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