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आक्सीजन की कमी और उससे हुई मौतों के मामले पर केंद्र पर भड़के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सुनिए क्या कहा

कोरोनाकाल में दिल्ली में आक्सीजन की कमी की वजह से काफी मौतें हुईं थीं। आक्सीजन नहीं मुहैया करा पाई उसके बाद पूर्ति के लिए आसपास के राज्यों से आक्सीजन डायवर्ट किया गया तब यहां कमी पूरी हो सकी। सरकार ने तय किया था कि एक कमेटी बनाई जाएगी

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 04:31 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 04:31 PM (IST)
आक्सीजन की कमी और उससे हुई मौतों के मामले पर केंद्र पर भड़के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सुनिए क्या कहा
आक्सीजन से मरने वाले परिवारों को मुआवजा देने के लिए बनाई गई कमेटी को सरकार खारिज कर दिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में दिल्ली में आक्सीजन की कमी की वजह से काफी मौत की खबरें आई थीं। सरकार आक्सीजन नहीं मुहैया करा पाई, उसके बाद पूर्ति के लिए आसपास के राज्यों से आक्सीजन डायवर्ट किया गया तब यहां कमी पूरी हो सकी।
सरकार ने तय किया था कि एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें शामिल लोग इस बात को देखेंगे कि मरीज की मौत वाकई में आक्सीजन की कमी की वजह से हुई है या उसके पीछे कोई और कारण है। मगर अब सरकार ने इस कमेटी को ही खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार चाहती है कि यदि किसी की मौत आक्सीजन से हुई है तो उस परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। इन मामलों को ठीक से हैंडल किया गया। तय किया गया कि यदि किसी मरीज की अक्सीजन की कमी से मौत हुई है तो सरकार परिवार को पांच लाख का मुआवजा देगी। कोर्ट के आर्डर हुए। कमेटी इस बात की पुष्टि करेगी कि यदि आक्सीजन की कमी से मौत हुई है तो मुआवजा दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने ये कमेटी ही भंग कर दी।

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उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली सरकार मुआवजा देने के लिए कमेटी बना रही है तो केंद्र सरकार ने उसको खारिज कर दिया। ये कमेटी तो कोर्ट के निर्देश पर बनाई गई थी। फिर केंद्र सरकार ने इसे भंग क्यों कर दिया। केंद्र राज्यों को अच्छा काम नहीं करने दे रही। पहले सरकार ठीक से आक्सीजन का इंतजाम नहीं कर पाई। अब जिम्मेदार सरकार होने के नाते दिल्ली लोगों को मुआवजा देने के लिए काम कर रही है तो सरकार ने इसमें भी रोक लगा रही है। बात दिल्ली की नहीं है बाकी अन्य राज्य भी है। केंद्र इन सभी में टांग अड़ा रही है। केंद्र सरकार गैर जरूरी हस्तक्षेप कर रही है। यदि राज्य सरकार मुआवजा दे रही है तो केंद्र को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। कोई तो कारण हो इस तरह की कमेटियों को भंग किए जाने का।



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