केंद्र सरकार ने किया स्पष्ट, राजधानी में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी
गृह मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा कि जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन से राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के संवैधानिक और विधिक दायित्वों में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा बल्कि यह बेहतर शासन सुनिश्चित करेगा।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वर्तमान कोरोना संकट से निपटने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है क्योंकि शहर के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना उसी के अधिकार क्षेत्र में है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह स्पष्टीकरण मंगलवार से लागू दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) संशोधन अधिनियम, 2021 के मद्देनजर आया है। गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन से राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के संवैधानिक और विधिक दायित्वों में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा बल्कि यह बेहतर शासन सुनिश्चित करेगा। मंत्रालय ने कहा कि संशोधन निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के उत्तरदायित्वों को परिभाषित करेगा और विधायिका व कार्यपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाएगा।
जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम, 2021 को लोकसभा व राज्यसभा ने क्रमश: 22 व 24 मार्च को पारित किया था और 28 मार्च को राष्ट्रपति ने अनुमोदित किया था। अधिनियम की धारा 21, 24, 33 और 44 को संशोधित किया गया है।बयान में कहा गया कि जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 में संशोधन किसी भी रूप में निर्वाचित सरकार के संविधान की राज्य और समवर्ती सूचियों में हस्तांतरित विषयों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सहित अन्य विषयों पर आवश्यक कार्रवाई करने के संवैधानिक व विधिक उत्तरदायित्वों में कोई बदलाव नहीं करता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य राजधानी की जरूरतों के मुताबिक इसे और प्रासंगिक बनाना और निर्वाचित सरकार व उपराज्यपाल के उत्तरदायित्वों को परिभाषित करना है।
बयान में कहा गया है, 'संशोधन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करेगा और दिल्ली के आम लोगों के लिए बनाई गई योजनाओं व कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन में उपयोगी होगा।' यह संशोधन मौजूदा कानूनी व संवैधानिक प्रविधानों के मुताबिक है और सुप्रीम कोर्ट के चार जुलाई, 2018 और 14 फरवरी, 2019 के फैसलों के अनुरूप भी।नए कानून के मुताबिक, दिल्ली में 'सरकार' का मतलब 'उपराज्यपाल' है और दिल्ली की निर्वाचित सरकार को कार्यकारी फैसले लेने के लिए उपराज्यपाल से राय लेनी होगी।