सीबीएसई ने प्राइवेट छात्रों के लिए बढ़ाई परीक्षा फार्म भरने की तारीख
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10वीं-12वीं के प्राइवेट छात्रों के लिए परीक्षा फार्म की तारीख बढ़ा दी है। इसके तहत इस साल परीक्षा देने वाले प्राइवेट छात्र 22 से 25 फरवरी के बीच परीक्षा फार्म भर सकेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10वीं-12वीं के प्राइवेट छात्रों के लिए परीक्षा फार्म की तारीख बढ़ा दी है। इसके तहत इस साल परीक्षा देने वाले प्राइवेट छात्र 22 से 25 फरवरी के बीच परीक्षा फार्म भर सकेंगे। बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक बीते साल कई छात्रों ने शिकायत की थी वह परीक्षा फार्म नहीं भर सके हैं।
ऐसे में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जा रहा है। बोर्ड ने ऐसे सभी परीक्षार्थी जो किसी स्कूल से संबद्ध नहीं है और जिन्होंने अभी तक परीक्षा के लिए आवेदन फार्म अभी तक नहीं भरा है, उन्हें फार्म भरने को कहा है।
बोर्ड ने छात्रों को परीक्षा फार्म भरने के दौरान सावधानीपूर्वक परीक्षा केंद्र चुनाव की सलाह दी गई है। छात्रों को बाद में परीक्षा केंद्र बदलने का मौका नहीं दिया जाएगा। वहीं, छात्रों को यह फार्म केवल ऑनलाइन माध्यम से ही भरना होगा। बोर्ड ने छात्रों को स्पष्ट किया कि परीक्षा फार्म की हार्ड कापी बोर्ड को नहीं भेजनी है। वहीं, छात्रों को विलंब शुल्क (लेट फीस) भी देना होगा।
अभिभावकों को जिम्मेदारी से अवगत कराएगा निगम
इधर, दक्षिणी निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी निगम अब जागरूक करेगा। निगम अभिभावकों को बताएगा कि कैसे वे छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर अपने बच्चे के शिक्षा को लेकर निगरानी कर सकते हैं। इसके लिए निगम ने पालन योजना (पैरेंट एसोसिएशन फार लर्निग एंड न्यूटरिंग) की शुरुआत की है।
निगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष मुकेश सुर्यान ने बताया कि पालन योजना के तहत पहले चरण में नर्सरी, पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षकों को प्रशिक्षित विशेषज्ञों की ओर से किया जाएगा। इसके बाद ये शिक्षक अपनी कक्षा के विद्यार्थियों के अभिभावकों को करेंगे। इसमें बताया जाएगा कि वे किस तरह से अपने बच्चे को अच्छा विद्यार्थी बना सकते हैं। वहीं, जब स्कूल खुल जाएंगे तो कोरोना से बचाव के लिए उन्हें और उनके बच्चों को किस प्रकार की सावधानी रखनी है। ऑनलाइन कक्षाओं में किस तरह से भाग लेना है और किस तरह से स्कूली शिक्षक की ओर से दिए गए कार्य को पूरा बच्चों से करवाना है।
सुर्यान ने बताया कि पहले चरण के कार्य के बाद पांचवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दक्षिणी निगम में तीन लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। साथ ही आठ हजार शिक्षक कार्य कर रहे हैं।