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कोरोना के कारण परीक्षा टलने की संभावना के बीच पूर्व चेयरमैन ने कहा- नए तरह से हो बच्चों का मूल्यांकन

कोरोना महामारी के बीच देशभर में आयोजित होने वाली केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं -12वीं की परीक्षाएं 4 मई से आयोजित होंगी। बोर्ड के अधिकारियों ने स्पष्ट भी कर दिया है कि ये परीक्षाएं फिलहाल नहीं टाली जाएंगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 05:12 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 05:12 PM (IST)
कोरोना के कारण परीक्षा टलने की संभावना के बीच पूर्व चेयरमैन ने कहा- नए तरह से हो बच्चों का मूल्यांकन
रचनात्मक आकलन से शुरू की जानी चाहिए मूल्यांकन व्यवस्था।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। देशभर में कोरोना के मामलें तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसे देखते देशभर के बोर्ड परीक्षार्थी इस असमंजस में हैं कि बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी या नहीं। सऊदी अरब, मैक्सिकों और कुवैत जैसे देशों ने कोरोना के मामले बढ़ने के बाद बोर्ड परीक्षाएं रद कर दी है। भारत में भी पंजाब, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ कई अन्य ने राज्यों ने राज्य की बोर्ड परीक्षाएं टाल दी है। हालांकि, कुछ राज्यों ने अभी तक राज्य बोर्ड परीक्षा को लेकर कोई निर्णय ही नहीं लिया है। लेकिन इन सब के बीच देशभर में आयोजित होने वाली केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं -12वीं की परीक्षाएं 4 मई से आयोजित होंगी। बोर्ड के अधिकारियों ने स्पष्ट भी कर दिया है कि ये परीक्षाएं फिलहाल नहीं टाली जाएंगी। लेकिन, दिल्ली में कोरोना के 13 हजार से अधिक मामले आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की बोर्ड परीक्षाओं रद कर कोई और विकल्प अपनाया जाए। इसमें छह लाख ले अधिक बच्चों को बैठना है।

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जुलाई में हो बोर्ड परीक्षाएं और अगस्त तक जारी किया जाए परिणाम

सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली के मुताबिक 21वीं सदी में भी जिस तरह से साल भर की पढ़ाई कराकर एक बार में मूल्यांकन करने को जो पद्धति चली आ रही है ये काफी पुरानी है। अब चूंकि अनिश्चितताओं का दौर है और पूरे विश्व को कोरोना महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया है तो जरूरी है कि अब मूल्यांकन के लिए सिर्फ अकादमिक परीक्षाओं पर ही न निर्भर रहा जाए। बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड की तरह सीबीएसई और अन्य राज्य बोर्ड को मूल्यांकन के लिए रचनात्मक आकलन की एक व्यवस्था को आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू कर देना चाहिए।

फिलहाल परीक्षा कराना नहीं लग रहा संभव

फिलहाल सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा का जो तिथियां जारी की है उसमें बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित करना संभव ही नहीं है और न ही ये छात्रों के हित में है। फिलहाल बोर्ड परीक्षाओं को टालकर जुलाई माह के पहले सप्ताह में आयोजित करना चाहिए अगस्त तक परिणाम जारी कर देना चाहिए। वहीं, कक्षा 11 और स्नातक के छात्रों का सत्र सितंबर माह में शुरू किया जाना चाहिए।

सीबीएसई बच्चों के हितों को ध्यान में रख कर ही लेगा निर्णय

सीबीएसई की गवर्निंग बाडी की सदस्य और माउंट आबू स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति अरोड़ा के मुताबिक सीबीएसई केंद्र सरकार के फैसले के साथ है। बोर्ड सभी छात्रों के हित को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लेता है। सीबीएसई ने परीक्षाओं को टाले जाने पर कोई निर्णय नहीं लिया है, क्योंकि बोर्ड छात्रों के भविष्य और स्वास्थ्य दोनों को ध्यान में रख रहा है। ये परीक्षाएं छात्रों के भविष्य के लिए बहुत महत्तपूर्ण हैं।


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