सीबीएसइ की परीक्षाएं हुई रद, कई छात्र हुए मायूस तो कोई हुए खुश
सीबीएसइ 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद हो गई हैं। कक्षा 12वीं के छात्रों का आंकलन स्कूल की आखिरी परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा। बोर्ड का यह फैसला गुरुवार की दोपहर को आया।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं को रद करने का फैसला किया है। कक्षा 12वीं के छात्रों का आंकलन स्कूल की आखिरी परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा। बोर्ड का यह फैसला गुरुवार की दोपहर को आया। छात्र सुबह से ही टीवी पर नजरे टिकाएं बैठे थे कि कब फैसले की घड़ी आएगी। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो कई छात्र मायूस दिखे तो कई के चेहरे पर खुशी झलक रही थी।
कोरोना के कारण लग रहा डर
छात्रों के मुताबिक कोरोना के मामले लगातार बढ़ने से परीक्षा सेंटर जाने तक में डर लग रहा था। ऐसे में जब सीबीएसइ ने परीक्षा की तिथि घोषित की तो लगा कि जीवन से बढ़कर अब परीक्षाएं हैं। लेकिन, मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो लगा परीक्षा टाल दी जाएंगी। इसलिए फैसले वाले दिन सुबह से ही टीवी देख रहे थे। हालांकि, कुछ छात्र ऐसे भी थे जो इस बात से मायूस दिखे कि परीक्षाएं रद हो गई, क्योंकि इन परीक्षाओं के लिए उन्होंने साल भर मेहनत की थी। कोरोना ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।
पहले दंगों के कारण टली थीं परीक्षाएं
उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित एक सरकारी स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा याशिका ने बताया कि शुरुआत में जब दिल्ली में दंगों की वजह से हालात ठीक नहीं थे तो परीक्षाएं टाली गई थी। लेकिन, बाद में कोविड-19 की वजह से टल गई। बोर्ड ने जब जुलाई में परीक्षा कराने को लेकर डेटशीट जारी की तो लगा कि अब परीक्षाएं होंगी। हर बार पाठ को दोहराते थे लेकिन अब परीक्षाएं रद ही कर दी गई, थोड़ी मायूसी तो है लेकिन हमारी सुरक्षा के हित में यह फैसला सही है।
लंबे समय से जारी असमंजस पर लगा विराम
वहीं, श्री वेंकटेश्वेर इंटरनेशनल में कक्षा 12वीं के विज्ञान संकाया के छात्र ने सक्षम ने बताया कि उन्होंने साल भर मेहनत की थी पढ़ाई के लिए और कई विदेश के विश्वविद्यालयों के लिए भी तैयारी की थी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से जो असमंजस था उसमें अब जाकर विराम लगा है। वहीं, 12वीं कक्षा के वाणिज्य संकाय के छात्र लक्ष्य जैन ने बताया कि मार्च में जब लॉकडाउन लगा था तब बहुत दुख हुआ था, क्योंकि मेहनत साल भर की थी और परीक्षाएं अचानक टाल दी गई थी। दिल्ली के हालात सही नहीं है। ऐसे में परीक्षाओं के रद होने से खुशी भी है कि आखिर हमारे स्वास्थ को लेकर भी किसी को चिंता है। मैं और मेरी साथी जो दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे उनमें यही चर्चा चल रही थी कि कट अॉफ अगर ज्यादा जाता है तो शायद अच्छा कॉलेज मिलने की संभावनाएं कम हो, क्योंकि ज्यादातर छात्र आंतरिक परीक्षाओं में अच्छा नहीं करते हैं लेकिन मुख्य परीक्षाओं में मेहनत करते हैं।
प्रिंसिपल ने कहा
जो बच्चे आइआइटी और जेईई की तैयारी कर रहे थे उनको स्पष्ट नहीं हो रहा था कि परीक्षाएं होंगी की नहीं। वो असमंजस में थे कि जेईई की तैयारी करे या 12वीं बोर्ड की। अगर यह जानकारी बहुत पहले ही दे दी जाती तो बच्चें परेशान न होते।
नीता अरोड़ा, प्रधानाचार्या, श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल
यह समय सभी के लिए बहुत मुश्किल है। छात्रों ने परीक्षाओं के लिए साल भर तैयारी की थी। लेकिन, अब जब परीक्षाएं रद हो गई हैं तो सभी छात्रों से यही कहना चाहूंगी की परेशान या मायूस न हो। जो भी फैसला लिया गया है वो छात्रों के हित में ही लिया है।
ज्योति अरोड़ा, प्रधानाचार्या, माउंट आबू स्कूल