CBSE 12th Result: कैंसर को मात देकर प्रियेश ने भरी सपनों की उड़ान, मिले 95 फीसद अंक
प्रियेश ने कभी कोई ट्यूशन नहीं लिया। जो भी सीखा वह अपने शिक्षक व माता-पिता से कभी पढ़ाई का तनाव भी नहीं लिया। स्कूल में जो शिक्षक पढ़ाते थे वह घर आकर पूरे मन से उसे पढ़ते थे।
नई दिल्ली [रितु राणा]। मन में विश्वास और परिजन का साथ हो तो बड़ी से बड़ी जंग जीती जा सकती है, ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे प्रियेश तायल ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 95 फीसद अंक लाकर इस बात को साबित कर दिखाया है। खास बात तो यह है कि उन्होंने इलाज के बीच में ही तैयारी कर सभी पेपर की परीक्षा दी है। वह मयूर विहार फेस -1 स्थित एएसएन पब्लिक स्कूल के छात्र हैं और इस इलाके में पॉकेट 3 में रहते हैं।
प्री बोर्ड के दौरान पता बीमारी का पता चला
दिसंबर 2017 में प्री बोर्ड की परीक्षा के दौरान जब प्रियेश के ब्लड कैंसर का पता चला तो पूरा परिवार चिंतित हो उठा, लेकिन इस चिंता को किसी ने उस पर हावी नहीं होने दिया और जब उसका इलाज शुरू हुआ तो जनवरी से उसका स्कूल जाना भी छूट गया लेकिन वह परीक्षा की तैयारी में जुटा रहा। स्कूल के शिक्षकों ने भी खूब हौसला बढ़ाया और उन्होंने ईलाज के साथ ही पढ़ाई की और दसवीं में भी 96.5% फीसद अंक हासिल किए और आज भी इसी जज्बे को कायम कर उन्होंने स्कूल के साथ अपने परिवार का नाम भी रोशन किया है।
माता-पिता ने दिया हौंसला
प्रियेश की मां कांति तायल ने बताया कि उन्हें आज अपने बेटे पर गर्व है। उसने कभी अपनी बीमारी को पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया। दसवीं की परीक्षा के दौरान भी प्रियेश की कीमोथेरेपी चल रही थी और अब भी उसकी मैंटेनेंस चल रही है, वह ओरल मेडिसिन पर है जिसमें उन्हें हर महीने इंजेक्शन लगवाने ले जाना पड़ता है, जिसके बाद पैरों में दर्द रहने के कारण उसे तीन-चार तीन आराम करना होता है। तो वह चाहकर भी नहीं पढ़ पाता था तो उस दौरान हमने उसे बोल-बोलकर पढ़ाया। पिता संदीप तायल ने बताया कि प्रियेश के इतने अच्छे आना हमारे लिए एक सपने के समान है। उसके स्वास्थ्य को देखते हुए तो हम यही सोचते थे कि वह बस किसी तरह अपने पांचों पेपर दे आए।
सभी को है उस पर गर्व
प्रधानाचार्या स्वर्णिमा लूथरा ने बताया कि प्रियेश बहुत ही ज्यादा समझदार छात्र है, उसमें आगे बढ़ने की ललक है। उसने कभी पढ़ाई से समझौता नहीं किया और आज पूरे स्कूल को उस पर गर्व है।
बिना ट्यूशन के पढ़े प्रियेश
प्रियेश ने कभी कोई ट्यूशन नहीं लिया। जो भी सीखा वह अपने शिक्षक व माता-पिता से, कभी पढ़ाई का तनाव भी नहीं लिया। स्कूल में जो शिक्षक पढ़ाते थे वह घर आकर पूरे मन से उसे पढ़ते थे। वह रोजाना सात-आठ घंटे पढ़ते थे लेकिन बीच-बीच में खेलते भी थे और टीवी भी देखा करते थे, जिससे दिमाग व शरीर स्वस्थ रहे। प्रियेश का मनपसंद विषय गणित है और वह आगे जाकर गणित में शोध करना चाहते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स या हंस राज कॉलेज में पढ़ना उनका सपना है। वह कहते हैं कि हर बच्चे को मेहनत करनी चाहिए और चाहे कैसे भी हालात हों अगर वह सकारात्मक रहेंगे तो जरूर सफल होंगे।