UP: 'गलती मेरी, पिटेगा तू', पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए यह खबर
वाहनों की नंबर प्लेट पर वाहन के नंबर की जगह स्लोगन, जाति या नाम लिखा मिल जाएगा। कुछ पर आपत्तिजनक और धमकी भरी बातें भी लिखी होती हैं।
गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। यातायात नियमों को ताक पर रखकर गाड़ियों की नंबर प्लेट पर जाति का नाम खूब देखने को मिल रहा है। एनसीआर में ऐसे बहुत से वाहन मिल जाएंगे, जिन पर जाट, पंडित, त्यागी, गुर्जर, यादव, राजपूताना लिखा हुआ मिल जाएगा। तमाम लोग अपनी जाति का नाम या संगठन लिखवाकर प्रचार करने के साथ ही रौब गालिब कर रहे हैं।
वाहनों की नंबर प्लेट पर वाहन के नंबर की जगह स्लोगन, जाति या नाम लिखा मिल जाएगा। कुछ पर आपत्तिजनक और धमकी भरी बातें भी लिखी होती हैं। अधिकतर वाहनों की नंबर प्लेट पर नंबर की जगह या फिर नंबर के साथ ही पदनाम, जाति या संगठन का नाम मिलेगा।
अगर ऐसे वाहनों से कोई दुर्घटना हो जाती है तो यही नंबर प्लेट इनकी पहचान होने से रोक देती है। मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक नंबर प्लेट पर सिर्फ नंबर होना चाहिए। इसके अलावा अगर कुछ भी लिखा मिलता है तो उसके खिलाफ सख्त कारवाई के निर्देश है, लेकिन ना ही कारवाई हो रही है ना ही नंबर प्लेट से इस तरह के जातिसूचक शब्द या स्लोगन हटाने को लेकर कोई कार्रवाई हुई है।
पुलिस से लेकर परिवहन तक टूटते नियमों को निहार रहे हैं। केंद्र या प्रदेश सरकार लिखना गलत नियमानुसार कार की नंबर प्लेट पर उत्तर प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार लिखना भी गलत है। यहां तो वाहनों व नम्बर प्लेट पर प्रधान, विधायक, सांसद या समाज व संगठन अध्यक्ष समेत सब लिखा जा रहा है।
बता दें कि अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस यातायात ने कुछ समय पहले एक आदेश जारी कर पुलिस के निजी वाहनों पर पुलिस तक लिखने को अपराध बताया था। अपनी मर्जी से लोग नंबर प्लेट वाली गाड़ियों से यातायात के नियमों को तार तार कर रहे हैं।
लिखते हैं स्टाइलिश नंबर
कुछ नंबर प्लेट पर नंबर की जगह परिवार के किसी सदस्य का नाम या फिर जाति लिखी होती है। किसी वाहन का नंबर 214 है तो वह इसे राम लिख लेते हैं। इसी तरह 1235 को आरएसएस, 104 को आइ लव यू और 4141 को पापा लिखते हैं।
ये हैं नंबर प्लेट के मानक
मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत दोपहिया, तीन पहिया वाहनों से लेकर कार व बड़े वाहनों की नंबर प्लेट पर शब्दों व अंकों की उंचाई से लेकर मोटाई और रंग मानक के अनुसार होते हैं। वाहनों की पिछली नंबर प्लेट पर लिखे जाने वाले अंकों और शब्दों की ऊंचाई, मोटाई और नंबरों के बीच खाली स्थान पांच मिमी होने चाहिए। निजी वाहनों के नंबर सफेद प्लेट पर काले रंग से लिखाई और व्यवसायिक वाहनों में प्लेट का रंग पीला और काले रंग से लिखा होना चाहिए।
राकेन्द्र सिंह (एआरटीओ प्रवर्तन) का कहना है कि ऐसे वाहनों के खिलाफ नियमानुसार चालान काटने के साथ ही कार्रावाई की जाती है। एक बार फिर से परिवहन कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।