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Career In Cricket: पैशन और काबिलियत से बनाएं क्रिकेट में पहचान, बेशुमार है कमाई

Career In Cricket बेशक कोरोना की दूसरी लहर के चलते मैदान में दर्शक नहीं हैं बावजूद इसके इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल 2021) के 14वें सीजन का खुमार क्रिकेट प्रेमियों पर चढऩे लगा है जो घर बैठे टीवी मोबाइल पर इस टूर्नामेंट का लुत्फ उठा रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 03:00 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 03:01 PM (IST)
Career In Cricket: पैशन और काबिलियत से बनाएं क्रिकेट में पहचान, बेशुमार है कमाई
इस लोकप्रिय खेल में किन-किन रूपों में करियर के अवसर हो सकते हैं...

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Career In Cricket कोरोना महामारी की दूसरी लहर के साथ शुरू हुआ इंडियन प्रीमियर लीग बल्लेबाजों के बीच छक्के लगाने की होड़ के लिए जाना जाता है। इस सीजन में दक्षिण अफ्रीकी हरफनमौला क्रिस मौरिस (16.25 करोड़ रुपये) और ऑलराउंडर कृष्णप्पा गौतम (9.25 करोड़ रुपये) आइपीएल नीलामी इतिहास में सबसे ज्यादा महंगे बिकने वाले खिलाड़ी थे। इस लीग में शाहरुख खान, मोहम्मद अजहरुद्दीन, अर्जुन तेंदुलकर, विराट सिंह, केएस भरत के रूप में कई अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी भी डेब्यू कर रहे हैं।

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अनकैप्ड यानी जिसने कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं खेला है। इन सभी घरेलू क्रिकेट के नवोदित खिलाडिय़ों को भी नीलामी में अच्छा पैसा मिला है। इसी लीग से निकले तमाम नये खिलाड़ी आज देश के लिए राष्ट्रीय टीम में भी खेल रहे हैं। कुल मिलाकर, आइपीएल के आ जाने आज युवाओं के पास क्रिकेट में पहले से ज्यादा मौके हैं। अब आप घरेलू और नेशनल टीम में खेलने के अलावा आइपीएल में अपने खेल का अच्छा प्रदर्शन करके कम समय में पैसा और शोहरत दोनों कमा सकते हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आए दिन होने वाले इस तरह की प्रतियोगिताओं के कारण खिलाडिय़ों और उससे जुड़े लोगों के पास आज पहचान, ग्लैमर और पैसा पहले से कहीं ज्यादा है। कोई इसे खिलाड़ी के रूप में मैदान में उतर कर हासिल कर रहा है, तो कोई बाहर रहते हुए कोच, कमेंटेटर, फिजियोथेरेपिस्ट या फिर टीम मैनेजमेंट से जुड़कर अपने करियर को नया आयाम दे रहा है।

पैशन से बनें क्रिकेटर: बाइस गज की पिच पर खेले जाने वाले इस जेंटलमैन खेल में पैशन और काबिलियत से ही किसी को पहचान मिल सकती है। दिनोंदिन बढ़ती प्रतिस्पर्धा के इस दौर में बगैर पैशन और काबिलियत के यहां पहचान बनाना आसान नहीं है। बैट-बॉल के इस खेल में सफल करियर बनाने के लिए अच्छी प्रैक्टिस और बहुत अच्छा फिजिकल फिटनेस भी होना चाहिए। बॉलिंग, बैटिंग और फील्डिंग क्रिकेट के तीन महत्वपूर्ण क्षेत्र माने जाते हैं। एक अच्छा क्रिकेटर बनने के लिए आपको इन तीनों में या एक से अधिक सेगमेंट में आपकी मास्टरी होनी चाहिए, तभी घरेलू मैचों में अपने शानदार प्रदर्शन के बल पर आप जल्दी से दर्शकों और सलेक्टर्स की नजर में आ पाएंगे।

क्रिकेट के विशेषज्ञ भी यही कहते हैं कि अगर आप क्रिकेट में जल्दी अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, तो इन तीनों सेगमेंट्स में से किसी एक में या आलराउंडर के रूप में सभी में महारत हासिल करना जरूरी है, तभी आप घरेलू और लीग मैच खेलते हुए अंतरराष्ट्रीय टेस्ट, अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय, टी-20 जैसे टूर्नामेंट में खुद को एक सफल खिलाड़ी के रूप में साबित कर पाएंगे और इन मैचों के लिए टीम का हिस्सा बन पाएंगे। भारत में इन सभी फॉर्मेट्स के लिए खिलाडिय़ों का चयन बीसीसीआइ (बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया) द्वारा किया जाता है। इसके अलावा, भारत में बीसीसीआइ कोच, फिजियोथेरेपिस्ट और क्रिकेट टीम के अन्य मेंबर्स (टीम क्रू) का भी सलेक्शन करती है।

अन्य करियर विकल्प: टैलेंटेड युवाओं के लिए क्रिकेट में खिलाड़ी बनने के अलावा और भी कई तरह के करियर विकल्प हैं, जहां अपने रुचि के सेगमेंट में ट्रेनिंग लेकर अपना करियर शुरू कर सकते हैं, जैसे:

कोच: आजकल क्रिकेट से लेकर फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन, हॉकी, कुश्ती, मुक्केबाजी या निशानेबाजी जैसे कोई भी खेल हों, उसमें बतौर खिलाड़ी आगे बढऩे के लिए कोचिंग, ट्रेनिंग या फिजिकल ट्रेनिंग की बहुत अहमियत होती है, जो प्रशिक्षित कोच ही आपको उपलब्ध करा सकता है। इसलिए खेलों में कोच की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। स्पोट्र्स अथारिटी ऑफ इंडिया की ओर से संचालित हो रहे कोचिंग कोर्सेज करके आप इस फील्ड में एक कोच के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं।

फिजियोथेरेपिस्ट: खेल के मैदान में ट्रेनिंग और प्रैक्टिस के दौरान अक्सर खिलाडिय़ों को चोट लग जाती है, या फिर उनकी मांसपेशियों में खिंचाव जैसी दिक्कतें आ जाती हैं। ऐसी स्थिति से उबरने और खुद को फिजिकली फिट रखने के लिए खिलाड़ी फिजियोथेरेपिस्ट की सेवाएं लेते हैं। आजकल बहुत से खिलाड़ी खुद को रिलैक्स रखने के लिए भी प्रोफेशनल्स की सेवाएं लेने लगे हैं। अगर आप भी फिजियोथेरेपिस्ट बनना चाहते हैं, तो इसके लिए स्पोट्र्स कोचिंग या फिजियोथेरेपी का कोर्स करना ठीक रहेगा। फिजिकल एजुकेशन कोर्स करके भी इस फील्ड में आ सकते हैं। यह एक से दो साल की अवधि का कोर्स है जिसे ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं, जबकि फिजियोथेरेपी 12वीं के बाद कर सकते हैं।

स्पोर्ट मैनेजर: आइपीएल से लेकर कोई भी लीग या टूर्नामेंट हो, उसके आयोजन की व्यवस्था यही प्रोफेशनल देखते हैं। तमाम बड़े खिलाड़ी भी निजी तौर पर स्पोर्ट मैनेजर रखते हैं। इस तरह स्पोट्र्स फेडरेशंस, स्पोट्र्स टीम के अलावा खिलाडिय़ों के स्पोर्ट मैनेजर बनकर इस फील्ड में अच्छा करियर बनाया जा सकता है। ग्रेजुएशन के बाद युवा इसके लिए स्पोट्र्स मैनेजमेंट का कोर्स कर सकते हैं।

क्यूरेटर: स्टेडियम में क्रिकेट के पिच को तैयार करने की जिम्मेदारी इन्हीं प्रोफेशनल्स पर होती है। यही निर्णय लेते हैं कि पिच को किस तरह का बनाया जाना है। इन्हें स्टेडियम या एरिना के मैनेजमेंट की भी अच्छी जानकारी होती है। चूंकि यह स्पेशलाइज्ड फील्ड है, इसलिए इस काम में अनुभवी कोचेज के लिए काफी स्कोप है।

सही उम्र से शुरुआत: क्रिकेट के खेल में जो भी बच्चे, किशोर करियर बनाना चाहते हैं, उनकी बचपन से ही इस खेल में रुचि होनी चाहिए। वैसे, यह रुचि किशोरावस्था की शुरुआत में भी विकसित की जा सकती है, जैसे भारत के लोकप्रिय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने किया। देर से शुरुआत करने के बावजूद आज वह भारतीय क्रिकेट टीम के जाने माने खिलाड़ी हैं। आजकल देश के तकरीबन हर बड़े शहर में क्रिकेट का प्रशिक्षण देने के लिए सरकारी और निजी स्पोट्र्स एकेडमी हैं, जहां से इसकी बेसिक ट्रेनिंग लेकर खुद को आगे बढ़ाया जा सकता है। इस तरह की एकेडमीज में अलग-अलग उम्र सीमा जैसे कि 5-8 वर्ष, 9-14 वर्ष और 15 वर्ष से ऊपर के स्टूडेंट को एथलीट के रूप में ग्रूमिंग की जाती है।

यहां एडमिशन के समय यह भी देखा जाता है कि स्टूडेंट में किस खेल के लिए प्रतिभा और क्षमता है और फिर उसे उसी खेल और सेगमेंट के अनुसार आगे बढ़ावा दिया जाता है। इन एकेडमीज या स्पोट्र्स कॉलेज द्वारा स्टूडेंट्स को इंटर सिटी व इंटर स्टेट लेवल की प्रतिस्पधाओं में भी भेजा जाता है। बाद में यहीं से अपने खेल प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ी अंडर-15 ,अंडर-17/18 , अंडर-19 या अंडर-22 जैसी टीमों का हिस्सा बनते हैं। इन्हीं टीमों में अपने शानदार प्रदर्शन के बल पर युवा आजकल इंडियन प्रीमियर लीग का भी हिस्सा बन रहे हैं। आगे चलकर यहीं से तमाम खिलाड़ी अपने परफॉर्मेंस से अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनते हैं।

बेशुमार कमाई: क्रिकेट में आज मैच फीस के अलावा विज्ञापन और कंपनियों के साथ ब्रांड एंडोर्समेंट के जरिये खिलाड़ी लाखों-करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन में खेल रहे अनकैप खिलाड़ी कृष्णप्पा गौतम का उदाहरण ले सकते हैं, जिन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने इस बार 9.25 करोड़ रुपये में खरीदा है। इसके अलावा, 20 लाख रुपये की बेस प्राइस वाले कई नवोदित खिलाडिय़ों को भी विभिन्न टीमों ने करोड़ों में खरीदा। वहीं, बीसीसीआइ द्वारा आयोजित नेशनल और इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों में खेलने पर एक बड़ी रकम पारिश्रमिक के रूप में मिलती है। यह रकम करोड़ों में होती है। आइसीसी की टॉप रैंकिंग टीम के विरुद्ध मैच जीतने पर खिलाडिय़ों को अतिरिक्त मैच फीस दी जाती है।

यहां भी आकर्षक मौके: क्रिकेट के खेल में आप बैट्समैन, बोलर, विकेटकीपर के रूप में करियर बनाने के बाद अपने अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर स्पोट्र्स कोच, कमेंटेटर, अम्पायर, रेफरी या कंसल्टेंट के रूप में करियर की दूसरी पारी भी शुरू कर सकते हैं। बच्चों को क्रिकेट का प्रशिक्षण देने के लिए खुद की खेल एकेडमी शुरू कर सकते हैं। वीरेंद्र सहवाग समेत तमाम नामी खिलाड़ी आजकल इस तरह की एकेडमी चला रहे हैं। बीपीएड/एमपीएड कोर्स करके आप स्कूल-कॉलेजों में फिजिकल टीचर के रूप में खुद को आगे बढ़ा सकते हैं। स्पोर्ट्स बैकग्राउंड के युवाओं को आजकल सरकारी नौकरियों में खेल कोटे के तहत कई विशेष छूट हासिल हैं।

नये प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए बहुत अवसर: क्रिकेट कोच कपिल पांडेय ने बताया कि नि:संदेह आइपीएल जैसे टूर्नामेंट के आने से अवसर बहुत बढ़े हैं। खासकर खिलाड़ियों को इससे बहुत फायदा मिल रहा है। ऐसे गरीब खिलाड़ी जो पहले मौका नहीं पाते थे, रणजी में खेलते थे या पीछे रह जाते थे, वे अब डायरेक्ट ट्रायल देकर आइपीएल में सलेक्ट हो जाते हैं और अच्छा पैसा भी पा रहे हैं। बहुत से नये नये प्रतिभावान खिलाड़ी इसमें खेलते हुए इंडिया टीम के लिए भी खेल रहे हैं। क्रिकेट के इस खेल में यंगस्टर्स के लिए खिलाड़ी के रूप में करियर खत्म होने के बाद आगे भी बहुत स्कोप है। क्रिकेट की जानकारी रखकर आप यहां कोच, स्कोरर, अंपायर, पिच क्यूरेटर आदि बन सकते हैं। बहुत से पुराने खिलाड़ी टीवी पर कामेंट्री करते हुए, एक्सपर्ट पैनल का हिस्सा बनकर भी धनोपार्जन कर रहे हैं।


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