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चुनावी माहौल में जुबानी जंग जारी, राव और कैप्टन के बीच तीखे वार-पलटवार

जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है तो वैसे-वैसे आरोप-प्रत्‍यारोप का सिलसिला अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 01:17 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 02:03 PM (IST)
चुनावी माहौल में जुबानी जंग जारी, राव और कैप्टन के बीच तीखे वार-पलटवार
चुनावी माहौल में जुबानी जंग जारी, राव और कैप्टन के बीच तीखे वार-पलटवार
रेवाड़ी, जेएनएन। चुनावी माहौल हो तो तीखी तेज बहस और आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर चलना आम बात है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने अपने दौरे के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव पर जमकर वार किए। कैप्टन भी कहां चुप बैठने वाले थे। उन्होंने भी राव पर पलटवार किया। दोनों नेताओं के बीच छिड़ी यह जुबानी जंग आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है।
कैप्टन के कारनामों की करवाएंगे जांच
भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को रेवाड़ी विधानसभा के दौरे के दौरान कप्तान अजय सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। राव ने कहा कि जनता की तरफ से मुझे ताकत मिलेगी तो मैं कप्तान अजय सिंह यादव के कारनामों की जांच कराऊंगा। उन्होंने कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जेल में जा सकते हैं तो अपने कारनामों के चलते कप्तान अजय सिंह यादव भी जेल जा सकते हैं। राव ने कहा कि कैप्‍टन अगर छह बार विधायक बने हैं तो मैं 8 बार विधायक और सांसद का चुनाव जीत चुका हूं। लोग मुझे इसलिए वोट देते हैं क्योंकि मैं उनकी आत्मा की आवाज सुनता हूं।
निजी स्‍वार्थ के लिए किया काम
राव ने आगे कहा कि कैप्‍टन अजय सिंह बार-बार ढिंढोरा पीट रहे हैं कि उनके पिता राव अभय सिंह ने मेरे पिता राव बिरेंद्र सिंह को हराया था। राव ने कहा कि उस समय कांग्रेस की लहर थी लेकिन इसके बाद मेरे पिता राव बिरेंद्र सिंह ने कप्तान अजय सिंह यादव के पिता राव अभय सिंह के राजनीतिक जीवन को ही मिटाकर रख दिया था। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने कैप्टन को दो बार जितवाया तथा एक बार मैंने भी उनको जितवाने का काम किया। जीत के बाद कैप्टन ने सिर्फ निजी स्वार्थ के लिए काम किया।
कराओ इंक्वायरी, पोल खोलकर रख दूंगा: कैप्टन
राव के बयान पर पलटवार करते हुए कैप्‍टन अजय सिंह यादव ने कहा कि अगर मैंने भ्रष्टाचार किया था तो राव इंद्रजीत सिंह इतने साल तक चुप क्यों रहे। मुझपर आरोप लगाने से पहले उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। प्रदेश सरकार का कार्यकाल छह माह बचा हुआ है। चाहें तो मेरी इंक्वायरी करा लें। उन्होंने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह खुद को राजा मानते हैं, लेकिन उनसे ज्यादा जमीन मेरे दादा-परदादा के पास थी। 1952 में मेरे पिता ने उनके पिता को हराया तथा 1989 में मैंने उनके भाई को हराया। समाजसेवियों व जनता के खून पसीने से बने अहीर कॉलेज पर उनके परिवार ने कब्जा कर लिया।
सत्ता हासिल करके मैंने आम जनता के लिए काम कराया लेकिन उनके पास एक भी काम ऐसा नहीं है जो वह गिनवा सके। राव बिरेंद्र सिंह ने कांग्रेस में रहते हुए एक बार मेरी व एक बार मैंने उनकी मदद की थी। राव बिरेंद्र ने तो मुझे चौथा बेटा माना था। उन्होंने मेरी और मैने उनकी मदद की, लेकिन राव इंद्रजीत बताएं कि उन्होंने उनकी क्या मदद की है। कैप्टन ने कहा कि कराइए मेरी इंक्वायरी। पोल खोलकर रख दूंगा।

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