दिल्ली में कैग के अधिकारी ने फांसी लगाकर दी जान, नहीं मिला सुसाइड नोट
निशांत के पड़ाेसियों ने देखा कि वह अपने फ्लैट के कमरे में रस्सी के सहारे पंखे से लटके हुए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। निशांत के स्वजनों से पूछताछ कर पुलिस खुदकुशी के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शकरपुर में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी (असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर) ने शनिवार रात को फ्लैट में फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक की पहचान निशांत वर्मा के रूप में हुई है। मूल रूप से कानपुर के शास्त्री नगर स्थित काली मठिया मोहल्ला के रहने वाले निशांत दिल्ली में के शकरपुर डी-ब्लॉक में किराये पर फ्लैट लेकर अकेले रह रहे थे। पुलिस को निशांत के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया है। निशांत ने खुदकुशी क्यों की इसका पता नहीं चल सका। पुलिस को उनके कमरे से उनका मोबाइल व अन्य सामान मिला है, जिसे कब्जे में लेकर पुलिस जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार निशांत का परिवार कानपुर में ही रहता है। बीटेक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आइटीओ स्थित कैग कार्यालय में सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी की नौकरी शुरू की थी। इनके परिवार में पिता प्रकाश वर्मा, मां कुसुम वर्मा, एक भाई है जो इस वक्त कनाडा में है। इसी वर्ष अगस्त में उन्होंने शकरपुर में फ्लैट किराये पर लेकर रहना शुरू किया था। शुरुआत में कुछ दिनों तक उनके माता-पिता साथ रहे और बाद में कानपुर लौट गए। शनिवार रात को निशांत के पड़ाेसियों ने देखा कि वह अपने फ्लैट के कमरे में रस्सी के सहारे पंखे से लटके हुए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। निशांत के स्वजनों से पूछताछ कर पुलिस खुदकुशी के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
पड़ोसी पर अश्लील हरकत व पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का एक परिवार ने लगाया आरोप
वहीं, तिलक नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार ने पड़ोसी के बेटों पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार का अरोप है कि पड़ोसी लड़की और उनकी मां को देखकर अश्लील हरकत करते हैं। इस सबंध में उन्होंने थाने में लिखित शिकायत की थी। पर जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो उन्होंने जिला पुलिस के अधिकारियों को ट्वीट कर दिया। पीड़ित पक्ष ने जिला पुलिस उपायुक्त को ट्वीट कर जब इस परेशानी से अवगत कराया तो उन्होंने थानाध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया। आरोप है कि ट्वीट की जानकारी मिलने के बाद थानाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार को फोन करके कहा कि इस घटना को लेकर ट्वीट नहीं करें, उनकी शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। हालांकि कार्रवाई क्या हुई, यह पुलिस वाले बताने से कतरा रहे हैं।
इस पूरे प्रकरण में वाट्सएप ग्रुप में एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसमें थानाध्यक्ष खुद फोन करके पीड़ित परिवार को भरोसा दे रहे हैं कि इस मामले में कार्रवाई होगी। लेकिन पीड़ित पक्ष जब यह कह रहा है कि उन्होंने इस मुद्दे पर खुद उनके साथ कई बार मुलाकात की तो फोन करने वाला अनभिज्ञता जता देता है। इस दौरान पीड़ित पक्ष बार-बार उन्हें यह कहता दिख रहा है कि कई बार थानाध्यक्ष से मिल चुका है, लेकिन बीते कई दिनों से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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