मौलाना मसूद अजहर को रोल मॉडल मानते हैं दोनों आतंकी, पाकिस्तान के आकाओं से मिल रहा था निर्देश
आतंकी अब्दुल लतीफ मीर व अशरफ खटाना जैश-ए-मुहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर को अपना रोल मॉडल मानते हैं। दोनों देवबंदी गुट का अनुसरण करते हैं। इसलिए पाकिस्तान जाने में बार-बार असफल हो जाने पर दोनों ने देवबंद जाकर प्रशिक्षण प्राप्त करने का निर्णय किया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सराय काले खां से गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अब्दुल लतीफ मीर व अशरफ खटाना जैश-ए-मुहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर को अपना रोल मॉडल मानते हैं। दोनों देवबंदी गुट का अनुसरण करते हैं। इसलिए पाकिस्तान जाने में बार-बार असफल हो जाने पर दोनों ने देवबंद जाकर प्रशिक्षण प्राप्त करने का निर्णय किया था।
यूट्यूब पर सुनते थे मसूर अजहर के जहरीले भाषण
दोनों अक्सर यूट्यूब पर मसूर अजहर के जहरीले भाषण सुनते थे। जम्मू कश्मीर की आजादी और पूरी दुनिया में इस्लामिक हुकूमत के लिए वे जिहाद करना चाहते हैं। डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि अब्दुल लतीफ मीर ने फेसबुक प्रोफाइल पर दुर्दांत आतंकी मसूद अजहर का फोटो लगा रखा है।
भाषणों ने आतंक की राह पर चलने की प्रेरणा दी
वहीं, अब्दुल अरसद मदनी, फैजुल वाहिद, मुफ्ती मुजफर हुसैन व नजीर साहा के कट्टरपंथी व्याख्यान सुनता था। दोनों को इनके भाषणों ने आतंक की राह पर चलने की प्रेरणा दी। इन्होंने कश्मीर में कई अन्य कट्टरपंथी युवाओं के साथ चोरी छिपे प्रशिक्षण प्राप्त किया। चार महीना पहले दोनों लाहौर, पाकिस्तान में रहने वाले आफताब मलिक से फेसबुक मैसेंजर के जरिये संपर्क में आए। उसने अब्दुल को वाट्ससऐप नंबर के बारे में पूछा और उसे फोन किया था। उसने अब्दुल लतीफ मीर से मसूद अजहर को प्रोफाइल फोटो लगाने के बारे में पूछा था जिस पर उसने आफताब मलिक को बताया था कि वह जैश-ए-मुहम्मद चीफ की पूजा करता है।
आफताब ने पाकिस्तान आने का प्रस्ताव दिया
अब्दुल ने यह भी बताया कि उसने कुछ साथियों के साथ मिलकर कश्मीर की आजादी के लिए बहुत कुछ किया है। वह भारतीय सेना से लगातार लड़ाई लड़ रहा है। कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए वह मुस्लिमों को उकसाने के लिए भाषण भी देता है। दोनों ने आफताब से अनुरोध किया कि उन्हें मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मुहम्मद संगठन ज्वाइन करने का मौका दिया जाए। दोनों को आफताब ने पाकिस्तान आने का प्रस्ताव दिया था।
अब्दुल ने आफताब को बताया कि वह अपने साथी अशरफ के साथ कुपवाड़ा के रास्ते पाकिस्तान जाने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के कारण वे पाकिस्तान जाने में विफल रह गए। उसके बाद दोनों आफताब के माध्यम से पाकिस्तान में रहने वाले जैश-ए-मुहम्मद के गुर्गों के संपर्क में आ गए थे जो इन्हें सीमा पार करने में मदद कर सकते थे। इन्हीं गुर्गों ने ही दोनों को पहले दिल्ली जाने के निर्देश दिया। उन्होंने दोनों से कहा था कि दिल्ली में उन्हें एक शख्स मिलेगा जो उन्हें यूपी के देवबंद में बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करने पाकिस्तान पहुंचने की व्यवस्था करने में मदद करेगा।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो