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Mohammad Shahabuddin News: आइटीओ स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया बिहार के पूर्व MP मोहम्मद शहाबुद्दीन का शव

Mohammad Shahabuddin News सोमवार को डीडीयू अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम से पहले तीन चिकित्सकों का एक पैनल बनाया गया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया करीब एक घंटे चली। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद शव आईटीओ स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 08:21 PM (IST)
Mohammad Shahabuddin News: आइटीओ स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया बिहार के पूर्व MP मोहम्मद शहाबुद्दीन का शव
Mohammad Shahabuddin News: आइटीओ स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया बिहार के पूर्व MP मोहम्मद शहाबुद्दीन का शव

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बिहार पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल के दबंग नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के शव का सोमवार को डीडीयू अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम से पहले तीन चिकित्सकों का एक पैनल बनाया गया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया करीब एक घंटे चली। दिल्ली पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद शव आईटीओ स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया।

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बता दें कि मोहम्मदब शहाबुद्दीन का डीडीयू अस्पताल में उपचार के दौरान शनिवार को ही निधन हो गया था। इसके बाद ही इसका शव मोर्चरी में सुरक्षित रखा था। शनिवार को ही मजिस्ट्रेट इस मामले में डीडीयू अस्पताल पहुंचे थे, जहां यह तय किया गया था कि शव का पोस्टमार्टम होगा।

सूत्रों का कहना है कि इस मामले में स्वजन ने जेल प्रशासन व अस्पताल प्रशासन पर उपचार के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया था, जिसे देखते हुए पोस्टमार्टम कराया गया। सूत्रों का कहना है कि पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता चल सकेगा कि इस मामले में किसी की लापरवाही है या नहीं। यदि लापरवाही हुई है तो वह किस स्तर पर हुई है? इसी आधार पर कार्रवाई भी हो सकती है।

जेल संख्या दो में था बंद

बिहार का पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन तिहाड़ के जेल संख्या दो के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद था। तिहाड़ में शहाबुद्दीन वर्ष 2018 से बंद था। इस सेल में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे। यहां प्रवेश से पहले सभी को कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता था। इसी जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में छोटा राजन भी बंद है। वह भी संक्रमण की चपेट में है। एक के बाद एक हाई सिक्योरिटी सेल में बंद कैदियों के संक्रमण ने जेल प्रशासन की नींद उड़ाकर रखी हुई है। ऐसा इलाका जहां भीड़भाड़ नहीं हो, जहां शारीरिक दूरी या संक्रमण से जुड़े तमाम सावधानियां बरती जाती हों, वहां कोरोना की दस्तक होना इस वायरस की क्षमता को साफ साफ बयां करता है।


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