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अखंड भारत के लिए आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना होगा: डा. मुरली मनोहर जोशी

पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि हमें भारत को अखंड बनाना है तो आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना होगा। आयुर्वेद को विकल्प चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रचारित किया जा रहा है जो गलत है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 03:50 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 03:50 PM (IST)
अखंड भारत के लिए आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना होगा: डा. मुरली मनोहर जोशी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि हमें भारत को अखंड बनाना है, तो आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना होगा। आयुर्वेद को विकल्प चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, जो गलत है। हमें अपनी चिकित्सा पद्धति पर गर्व करना चाहिए।

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यह हमारा प्राचीन ज्ञान है। आज विश्व में आयुर्वेद और योग अपने पूर्ण वैभव के साथ आलोकित हैं। वह कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेद महापर्व के समापन अवसर पर बोल रहे थे। इसका आयोजन आयुष मंत्रलय के सहयोग से अखिल भारतीय आयुर्वेद कांग्रेस (एआइएसी) द्वारा किया गया था।

विशेष अतिथि सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में आयुर्वेद की भूमिका की अहम रही है। लोगों को आयुर्वेद की तरफ बढ़ना चाहिए। एआइएसी के अध्यक्ष वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने कहा कि इस महापर्व के माध्यम से आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास है। वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी ने कहा कि आयुर्वेद पर्व को अगले साल भी इसी उत्साह से मनाया जाएगा।

युवाओं को नशे से दूर रखने का प्रयास : ईशा पांडेय

वहीं, युवाओं के बीच बढ़ रहे नशे की लत से बचाव के लिए दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसी क्रम में सोमवार को आपरेशन कैच देम यंग चलाया गया। इसमें नुक्कड नाटक, पेंटिंग और प्रश्नमंच प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। दक्षिण पूर्वी जिले की पुलिस उपायुक्त ने बताया कि युवाओं को यदि नशे से दूर रखने में प्रशासन सफलता पाता है तो आपराधिक गतिविधियों और सामाजिक अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

सोमवार को पुलिस कर्मचारियों ने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से युवा पीढ़ी को इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए आपरेशन 'कैच देम यंग' के तहत नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग प्रतियोगिताएं, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। लोगों को नशे के घातक परिणामों से अवगत कराया गया। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों की ओर से विभिन्न परामर्श सत्र भी आयोजित किए गए हैं। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने भी यह शपथ ली कि वे नशीले पदार्थो के इस्तेमाल को जड़ से खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।


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