राजीव गांधी से जुड़े विवाद पर भाजपा ने मांगा मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस्तीफा
भाजपा नेताओं ने कहा कि AAP का हाईकमान काग्रेस की बी-टीम बनने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहती है और दूसरी ओर अपनी धर्म की राजनीति को भी नहीं छोड़ना चाहती है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के प्रस्ताव पर हुए विवाद को लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि इस प्रस्ताव पर असमंजस की स्थिति बन गई है। जनता यह जानना चाहती है कि यदि प्रस्ताव विधानसभा में शुक्रवार को पारित हुआ तो आज ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि आम आदमी पार्टी (AAP) इसे नकार रही है? आप को यह बताना चाहिए कि कांग्रेस के साथ उसकी कोई सियासी सौदेबाजी तो नहीं हुई है?
उन्होंने कहा कि आप के 66 विधायक होने के बावजूद यदि यह प्रस्ताव सदन में पारित नहीं हुआ है तो मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि महत्वपूर्ण प्रस्ताव जिस समय पेश किया गया उस समय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अनुपस्थित थे। अब सिसोदिया प्रस्ताव को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सिख विरोधी दंगे के दोषी कांग्रेस के साथ वर्ष 2013 में भी सरकार बना चुकी है। एक बार फिर से दोनों पार्टियां गठबंधन की तैयारी कर रही हैं। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में महामंत्री राजेश भाटिया ने कहा कि आप के सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से खड़े होकर इस प्रस्ताव का सदन में समर्थन दिया। अब इस प्रस्ताव को झुठलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारी बहुमत के बावजूद सदन में प्रस्ताव पारित नहीं होने का अर्थ है कि सरकार अल्पमत में आ गई है, इसलिए मुख्यमंत्री को अपना पद छोड़ देना चाहिए या फिर इसे दोबारा सदन में पारित करें। उन्होंने कहा कि AAP सिखों को न्याय दिलाने की जगह उनके जख्मों को कुरेद रही है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि AAP का हाईकमान काग्रेस की बी-टीम बनने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहती है और दूसरी ओर अपनी धर्म की राजनीति को भी नहीं छोड़ना चाहती है। प्रदेश प्रवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि AAP नेता सिखों की हत्या के दोषियों के साथ खड़े हैं।