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भाजपा ने राजधानी में समस्याओं के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया

भाजपा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून में संशोधन किया जा रहा है। आप सरकार को इसका विरोध छोड़कर दिल्ली के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। दिल्ली सरकार पर बजट की राशि खर्च नहीं करने का आरोप लगाया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 01:55 PM (IST)
भाजपा ने राजधानी में समस्याओं के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून में संशोधन का किया गया स्वागत।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन राजनीतिक प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें राजधानी की समस्याओं के लिए दिल्ली सरकार सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून में संशोधन के लिए संसद में पेश विधेयक का स्वागत किया गया। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा इसके विरोध को अनावश्यक बताते हुए संशोधन से दिल्ली के विकास में तेजी आने की बात कही गई। सरकार से प्रदूषण, पानी व परिवहन की समस्या हल करने एवं नगर निगमों का बकाया फंड जारी करने की मांग की गई।

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दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया। विधायक विजेंद्र गुप्ता व प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसका अनुमोदन किया। भाजपा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून में संशोधन किया जा रहा है। आप सरकार को इसका विरोध छोड़कर दिल्ली के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। दिल्ली सरकार पर बजट की राशि खर्च नहीं करने का आरोप लगाया। सरकार पर भाजपा शासित नगर निगमों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया गया। सरकार से राजनीतिक द्वेष छोड़कर बकाया 13 हजार करोड़ रुपये जारी करने की मांग की गई।

भाजपा ने दिल्ली बोर्ड में अनियमतिता का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की। दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर होती समस्या के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया। कहा गया कि यदि सरकार समस्या हल करने के लिए ठोस कदम उठाती तो दिल्ली में प्रदूषण से लोगों की जान नहीं जाती। प्रदूषण के कारणों की पड़ताल कर उसके निदान के लिए आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों की एक कमेटी बनानी चाहिए। दिल्ली सरकार के नए शिक्षा बोर्ड बनाने के प्रस्ताव का भी भाजपा ने विरोध किया है।

दिल्ली में बसों की कमी पर भाजपा ने चिंता जताई है। उसका कहना है कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बसों की संख्या लगातार कम हो रही है। कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहे हैं। नई बसें खरीदने की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। डीटीसी को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है जिसका भाजपा विरोध करती है। पार्टी ने सरकार से अगले दो वर्षों में पांच हजार बसें खरीदने की मांग की है। सरकार पर आबकारी नीति में छेड़छाड़ करने और कोविड काल में लापरवाही व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। दिल्ली सरकार पर कृषि कानूनों के विरोध में अराजकता फैलाने वालों को समर्थन देने का भी आरोप लगाया गया।


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