Farmers Protest : किसान प्रदर्शनकारियों को झटका, सिंघु बॉर्डर पर किए जा रहे पक्के निर्माण को रुकवाया
Farmers Protest देर रात तक किसान ने सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक लगाकर उसे तीन ओर से तैयार भी कर दिया था। केवल एक ओर ब्लॉक लगाना व छत डालनी ही बाकी था लेकिन पुलिस ने देर रात ही काम रुकवा दिया। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि निर्माण होकर रहेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की ओर से लगातार किए जा रहे अवैध पक्के निर्माण पर दिल्ली पुलिस सख्त हो गई है। सिंघु बॉर्डर पर कराए जा रहे पक्के निर्माण पर पुलिस ने रोक लगा दी है। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, बृहस्पतिवार को सिंघु बॉर्डर पर पक्का निर्माण कराया जा रहा था। देर रात तक उन्होंने सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक लगाकर उसे तीन ओर से तैयार भी कर दिया था। केवल एक ओर ब्लॉक लगाने व छत डालनी ही बाकी थी, लेकिन पुलिस कर्मचारियों ने देर रात को ही काम रुकवा दिया।
वहीं, सिंघु बॉर्डर पर पक्का निर्माण कर रहे प्रदर्शनकारियों का दावा है कि निर्माण होकर रहेगा। इसे कोई नहीं रुकवा सकता। बता दें कि सिंघु ही नहीं, बल्कि टीकरी बॉर्डर पर भी किसानों पक्के निर्माण किए हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने गर्मी से बचाव के लिए ऐसे किया है, तो कुछ आंदोलनकारी शासन-प्रशासन को चुनौती देते हुए कहते हैं कि वह आंदोलन स्थल पर पक्का निर्माण जारी रखेंगे।
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गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर से मना करने के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर पेट्रोल पंप के सामने बैरिकेड के पास सीमेंट के ब्लाक लगाकर निर्माण करना शुरू कर दिया था। प्रदर्शनकारियों की ओर से यहां पर एसी कमरा तैयार किया जा रहा था।
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वहीं, पुलिस अधिकारियों को पहले लगा कि प्रदर्शनकारी टेंट लगा रहे हैं। लेकिन जब उन्होंने देखा कि आठ फिट लंबे सीमेंट के ब्लाक लगाकर यह निर्माण किया जा रहा है तो रात में ही इसे रुकवा दिया गया। शुक्रवार दोपहर को जब कारीगरों को लगा कि काम अब शुरू नहीं होगा तो वह भी वापस चले गए।
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वहीं राजीव रंजन (पुलिस उपायुक्त, बाहरी-उत्तरी जिला) का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल पर टेंट लगाने की ही इजाजत है, पक्का निर्माण करने की नहीं। हाईवे पर अगर पक्का निर्माण करने की कोशिश की गई तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि किसान यहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं, इससे आपत्ति नहीं हैं, लेकिन पक्का निर्माण करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।
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यहां पर बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर पिछली साल 28 नवंबर से किसानों का आंदोलन चल रहा है। सिंघु के साथ टीकरी, शाहजहांपर और गाजीपुर बॉर्डर पर भी जमा हजारों किसान इस बात के लिए अड़े हैं कि तीनों कृषि कानून पूरी तरीके से वापस लेकर रद किए जाएं।
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