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उप्र के एक पूर्व मंत्री के संरक्षण में दिल्ली-एनसीआर में चलता था सट्टा रैकेट, जानिए प्रतिदिन कितने मिलते थे मंत्री को

वर्ष 2015 में ललित के पिता रोशन लाल वर्मा अमरनाथ बजाज योगेश्वर दयाल शर्मा समेत कई आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसकी गिरफ्तारी के बाद ललित अपने साथी पुरुषोत्तम के साथ मिलकर सट्टा का कारोबार करने लगा। इससे ललित ने 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति बनाई।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 01:09 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 01:09 PM (IST)
उप्र के एक पूर्व मंत्री के संरक्षण में दिल्ली-एनसीआर में चलता था सट्टा रैकेट, जानिए प्रतिदिन कितने मिलते थे मंत्री को
दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी पर घोषित कर रखा था 50 हजार रुपये का इनाम

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी दिल्ली इलाके में सट्टे के कारोबार से अकूत संपत्ति बनाने वाला 'सट्टा किंग' ललित वर्मा उर्फ नीटू को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। इसकी गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। आरोपित पर पंजाब के लुधियाना के माडल टाउन थाने में भी सट्टा खिलवाने को लेकर मामला दर्ज है। उसे इस मामले में गिरफ्तार भी किया था। आरोपित गिरोह बनाकर दिल्ली समेत कई राज्यों में सट्टे का धंधा चला रहा था। दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2015 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाके के भजनपुरा में छापेमारी इस गिरोह का पर्दाफाश किया था।

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मामले में पुलिस ने ललित के पिता रोशन लाल वर्मा समेत कई आरोपितों को गिरफ्तार कर उन पर महाराष्ट्र कंट्रोल आफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत कार्रवाई की थी। गिरोह को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद डीपी यादव का संरक्षण हासिल था। इसके बदले में आरोपितों की ओर से रोज उन्हें दो लाख रुपये मिलते थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मकोका के तहत डीपी यादव को भी गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच की उपायुक्त मोनिका भारद्वाज के मुताबिक, गिरोह के पर्दाफाश के बाद ललित ने गैंग की कमान संभाल ली। उस पर भी मकोका के तहत मामला दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये इनाम घोषित किया। वह वर्ष 2006 से सट्टे के कारोबार से जुड़ा है।

यह मामला सामने आने के बाद से वह फरार था। उसकी गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन के नेतृत्व में एसआइ कमल कुमार, राकेश कुमार, सुरेंद्र राणा, इमरान खान, मिंटू सिंह आदि पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई। जांच में पता चला कि आरोपित हिमाचल प्रदेश में छिपा है और वहां भी लगातार ठिकाना बदल रहा है। यह भी पता चला कि आरोपित कभी-कभार दिल्ली भी आता है। ऐसे में कई दिनों तक निगरानी के बाद रविवार को उत्तम नगर स्थित आरोपित के घर से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

बनाई अकूत संपत्ति

वर्ष 2015 में ललित के पिता रोशन लाल वर्मा, अमरनाथ बजाज, योगेश्वर दयाल शर्मा समेत कई आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस सभी की गिरफ्तारी के बाद ललित अपने साथी पुरुषोत्तम के साथ मिलकर सट्टा का कारोबार करने लगा। इससे ललित ने 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति बनाई। आरोपित ने कई प्रापर्टी और गाडि़यां खरीदीं।


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