दिविज बजाज को श्रेष्ठ उदीयमान उद्यमी पुरस्कार, मां की परेशानी देख शुरू किया हेल्थ सप्लीमेंट स्टार्टअप
दिविज ने कहा कि मां को टेबलेट से नफरत थी। विटामिन और प्रोटीन की गोलियां भी इसीलिए नहीं लेती थीं क्योंकि उनकी नजर में सभी टेबलेट दवा होती हैं। इसी के बाद उन्हें आइडिया आया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हेल्थ सप्लीमेंट स्टार्टअप शुरू करने वाले युवा उद्यमी दिविज बजाज को बिजनेस मिंट की ओर से "श्रेष्ठ उदीयमान उद्यमी" पुरस्कार दिया गया है। "खुशियों से सेहत होती बेहतर" स्लोगन के साथ दिविज ने हेल्थ सप्लीमेंट के क्षेत्र मेें एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
डीयू से की है पढ़ाई
दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कालेज से स्नातक और एमबीए ग्रेजुएट दिविज ने अपने दम पर ही अपने सपनों को साकार किया है। शुरुआत में उनके विजन पर किसी को भरोसा नहीं था, लेकिन आज उनका स्टार्टअप हेल्थ सप्लीमेंट के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता अर्जित कर रहा है। जनता का भरोसा जीतने में भी वह कामयाब हो रहे हैं।
मां की परेशानी से शुरू किया स्टार्टअप
दिविज बताते हैं कि उनकी मां को टेबलेट से नफरत थी। वह विटामिन और प्रोटीन की गोलियां भी इसीलिए नहीं लेती थीं क्योंकि उनकी नजर में सभी टेबलेट दवा होती हैं। ऐसे में वह गोलियों को तोड़ कर उन्हें शहद में मिलाकर लेती थीं। यही आइडिया दिविज के स्टार्टअप का आधार बना। उन्होंने ऐसा गम्मी हेल्थ सप्लीमेंट तैयार किया जो कोई भी आसानी से ले सके। वह कहते हैं कि जब आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाते हैं तो शुरुआत में निश्चित तौर पर संघर्ष का सामना करना पड़ता है, लेकिन आपके ईमानदार प्रयास जल्द ही आपको लक्ष्य के नजदीक ले जाते हैं।
फूड सप्लीमेट का बाजार करोड़ों रुपये का
बता दें कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमें हेल्थ सप्लीमेंट की ज्यादा जरूरत होती है, क्योंकि हम समय पर अपने खानपान का सही खयाल नहीं रख पाते हैं। इस कारण सेहत की की संपूर्ण देखभाल के लिए कई कंपनियां सप्लीमेंट मार्केट में उतार चुकी हैं। इसलिए लोगों को इस ओर आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है। धीरे-धीरे इसके व्यापार में तेजी आ रही है। आज इस फूड सप्लीमेट का बाजार करोड़ों रुपये का हो गया है।