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Delhi Metro Service News: 1.30 मिनट के अंतराल पर हो सकेगा स्वचालित मेट्रो का परिचालन

हर मेट्रो ट्रेन की एक विशिष्ठ पहचान नंबर है जिसकी मदद से रात में ही ऑपरेशन कंट्रोल रूप से ट्रेन को कमांड दे दिया जाएगा कि उसे सुबह में कब ट्रैक पर उतरना है। कंट्रोल रूम से ही मेट्रो की गति नियंत्रित होगी। दरवाजे भी स्वत खुलेंगे और बंद होंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 10:18 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 10:18 AM (IST)
Delhi Metro Service News: 1.30 मिनट के अंतराल पर हो सकेगा स्वचालित मेट्रो का परिचालन
हर मेट्रो ट्रेन की एक विशिष्ठ पहचान नंबर है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दुनिया भर में मेट्रो के कुल नेटवर्क के सिर्फ सात फीसद हिस्से पर चालक रहित मेट्रो का परिचालन होता है। मजेंटा लाइन पर चालक रहित मेट्रो के रफ्तार भरते हीं दिल्ली मेट्रो उस सूची में शामिल हो गई। इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यात्रियों का दबाव बढ़ने पर जरूरत के मुताबिक आसानी से मेट्रो की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई जा सकेगी। आने वाले समय में डेढ़ मिनट (90) के अंतराल पर चालक रहित मेट्रो का परिचालन हो सकेगा। मजेंटा लाइन में संचार आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) सिग्नल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। लिहाजा, मेट्रो ट्रेनें ऑपरेशन कंट्रोल रूम से संचालित की जा सकेंगी।

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डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) का कहना है कि इस तनकीक से मानवीय भूल की संभावना खत्म हो गई है। सुबह में मेट्रो को ट्रैक पर उतरने से पहले तकनीकी जांच में काफी वक्त लगता है, जबकि चालक रहित मेट्रो में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है जिससे स्वत: 10 मिनट में तकनीकी जांच के बाद मेट्रो ट्रैक पर उतर सकेगी। हर मेट्रो ट्रेन की एक विशिष्ठ पहचान नंबर है, जिसकी मदद से रात में ही ऑपरेशन कंट्रोल रूप से ट्रेन को कमांड दे दिया जाएगा कि उसे सुबह में कब ट्रैक पर उतरना है। कंट्रोल रूम से ही मेट्रो की गति नियंत्रित होगी। दरवाजे भी स्वत: खुलेंगे और बंद होंगे। अभी शुरुआत में विश्वास बढ़ाने के लिए मेट्रो में ऑपरेटर मौजूद रहेंगे। लेकिन वह ट्रेन को चलाएंगे नहीं। यात्रियों को जरूरत पड़ने पर सहायता भी करेंगे।

पिंक लाइन के बीच का हिस्सा नए साल में होगा तैयार

57 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन (शिव विहार-मजलिस पार्क) पर भी अगले साल जून तक चालक रहित मेट्रो रफ्तार भरने लगेगी। तब दिल्ली मेट्रो के 94 किलोमीटर हिस्से पर चालक रहित मेट्रो का परिचालन हो सकेगा। दरअसल, पिंक लाइन पर अभी मयूर विहार फेज-1 से मजिलस पार्क व त्रिलोकपुरी से शिव विहार के बीच मेट्रो की सुविधा है। मयूर विहार से त्रिलोकपुरी के बीच छोटा हिस्सा अभी बनकर तैयार नहीं है। अब उसका पिलर तैयार हो चुका है। वायाडक्ट, पटरी बिछाने व तकनीकी काम बाकी है। जो अगले साल मई तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद इस कॉरिडोर भी जून तक चालक रहित मेट्रो चलने लगेगी।

फेज चार में भी होगा इस तकनीक का इस्तेमाल

फेज चार में तीन मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है, जिसकी लंबाई करीब 65 किलोमीटर होगी। इनमें से 28.92 किलोमीटर लंबी जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर मजेंटा लाइन की व 12.55 किलोमीटर लंबी मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पिंक लाइन की विस्तार परियोजना है, इसलिए इन कॉरिडोर पर भी चालक रहित मेट्रो का परिचालन होगा।

डीएमआरसी का गठन- 3 मई 1995

पहली मेट्रो का परिचालन- 24 अक्टूबर 2002

कहां से कहां तक चली पहली मेट्रो- शाहदरा से तीस हजारी

दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क- 345.6 किलोमीटर

नौ लाइनें व 253 स्टेशन

दिल्ली मेट्रो द्वारा एनसीआर में संचालित कॉरिडोर- 11

कॉरिडोर की कुल लंबाई- 390

कुल स्टेशन- 385

मेट्रो नेटवर्क में कुल ट्रेनें- करीब 350

प्रतिदिन चलने वाली मेट्रो ट्रेनों की संख्या- 300

प्रतिदिन कुल फेरे- 5000

मजेंटा लाइन पर दो चरणों में परिचालन

पहला चरण- 25 दिसंबर 2017 को बॉटेनिकल गार्डन से कालकाजी।

दूसरा चरण- 28 मई 2018 को बोटेनिलक गार्डन से जनकपुरी पश्चिम।

स्वचालित तकनीक वाली मेट्रो ट्रेनों की संख्या- करीब 80

मजेंटा लाइन पर अभी संचालित ट्रेनें- 26

पिंक लाइन पर संचालित ट्रेनें- 40

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