Author and Activist Sadia Dehlvi Passed Away: 'दिल्ली के ताजमहल' में बीता था सादिया का बचपन
Author and Activist Sadia Dehlvi Passed Awayसादिया के दादा हाफिज युसुफ देहलवी ने 1938 में उर्दू पत्रिका शमा की शुरुआत की थी। पत्रिका के नाम पर आवास को लोग शमा कोठी कहते थे।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। Author and Activist Sadia Dehlvi Passed Away: दिल्ली की मशहूर लेखिका, इतिहासकार और सामाजिक कार्यकर्ता सादिया देहलवी का निधन हो गया, वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं। दिल्ली आपको हमेशा एक सच्ची दिल्ली वाली और लोगों की इतिहासकार के रूप में याद रखेगी। सादिया देहलवी का जन्म 1957 में हुआ था। इनका बचपन 11 सरदार पटेल मार्ग स्थित शमा कोठी में बीता।
सादिया के दादा ने निकाली थी उर्दू पत्रिका शमा
सादिया देहलवी के दादा हाफिज युसुफ देहलवी ने 1938 में उर्दू पत्रिका शमा की शुरुआत की थी। पत्रिका के नाम पर ही आवास को लोग शमा कोठी कहकर बुलाते थे। सादिया के पिता युनूस खान देहलवी ने 13 साल की उम्र में ही बच्चों के लिए उर्दू पत्रिका खिलौना शुरू की। सन् 2002 में कोठी बिकने के बाद सादिया का परिवार निजामुद्दीन ईस्ट रहने लगा। अपनी भव्यता के कारण शमा कोठी को दिल्ली का ताजमहल भी कहा जाता था। सादिया खुद बतातीं थी कि उन्हें विश्वास नहीं था लेकिन आर्किटेक्ट सतीश गुजराल ने इसकी पुष्टि की। सादिया ने 18 साल की उम्र में उर्दू पत्रिका बानो का कार्यभार संभाला।
शमा कोठी पर रुकते थे फिल्मी सितारे
'जैसमीन एंड जिन्स: मेमोरीज एंड रेसिपीज ऑफ माय दिल्ली' में सादिया देहलवी लिखतीं हैं- 'शमा कोठी में मुशायरा, कव्वाली समेत बैठकी होती रहती थी। इसके अलावा शमा, खिलौना, बानो आदि में लेख लिखने के सिलसिले में बड़े साहित्यकार आते थे। इसमें इस्मत चुगताई, कैफी आजमी, सरदार जाफरी, मजरूह सुल्तानपुरी, कृष्ण चंदेर आदि थे। सादिया की इस्मत चुगताई और कैफी आजमी और जाफरी साहब से अच्छी दोस्ती थी। दिल्ली में आने वाले फिल्मस्टार शमा कोठी जरूर आते। इनमें मीना कुमारी, दिलीप कुमार, राज कपूर, नर्गिस, सायरा बानो, देव आनंद, धर्मेंद्र, वाहिदा रहमान, कमाल अमरोही, मेहबूब खान, के आसिफ सरीखी शख्सियतें शामिल थी।'
यह भी जानें
- 63 साल की उम्र में सादिया देहलवी ने बुधवार को अपने घर पर ही अंतिम सांस ली।
- दिल्ली की संस्कृति और इतिहास की जानकार सादिया देहलवी 63 वर्ष की थीं और लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं।
- सादिया ने उर्दू महिलाओं की पत्रिका 'बानो' का सम्पादन किया, मात्र 18 साल की उम्र में वह पत्रिका की संपादक बनी थीं।
- 1979 में उन्होंने अपनी मां के साथ दिल्ली के चाणक्यपुरी में अल कौसर रेस्तरां खोला था।
- 2017 में उन्होंने दिल्ली की पाक कला के इतिहास पर ‘जैस्मीन एंड जिन्स: मेमोरिज एंड रेस्पी ऑफ माय देहली’ नाम की एक किताब लिखी थी।
- दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- ‘सादिया देहलवी के असमय निधन पर दुखी हूं। दिल्ली आपको हमेशा एक सच्ची दिल्ली वाली और लोगों की इतिहासकार के रूप में याद रखेगी।'