सीएम केजरीवाल पर हमला इत्तेफाक नहीं, एक सोची समझी साजिश: आप
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सचिवालय के अंदर मुख्यमंत्री पर हमला दिल्ली पुलिस की नाकामी और एक सोची समझी साजिश की तरफ इशारा करता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हुए हमले को लेकर आम आदमी पार्टी भड़क गई है। पार्टी ने कहा है कि हमला इत्तेफाक नहीं बल्कि एक साजिश के तहत किया गया है। इसमें भाजपा का हाथ है। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सचिवालय के अंदर मुख्यमंत्री पर हमला दिल्ली पुलिस की नाकामी और एक सोची समझी साजिश की तरफ इशारा करता है।
दिल्ली सचिवालय एक हाई सिक्योरिटी जोन है। वहां दाखिल होने के लिए आपको कई प्रकार की जांच से होकर गुजरना होता है। अगर किसी प्रकार से कोई व्यक्ति अंदर चला भी जाता है तो मुख्यमंत्री के कमरे के बाहर सुरक्षा में खड़ी पुलिस किसी को भी वहां खड़ा नहीं होने देती। अगर कोई भी वहां खड़ा होता है तो तुरंत पुलिसकर्मी उससे पूछताछ शुरू कर देते हैं कि आप कौन हो और यहां क्यों खड़े हो?
जब मुख्यमंत्री अपने कमरे से बाहर निकले तो वहां पर एक व्यक्ति मिर्ची पाउडर लेकर उनका इंतजार कर रहा था। किसी भी सुरक्षाकर्मी ने उससे पूछताछ करने की जहमत नहीं उठाई। ये कोई इत्तेफाक नहीं है। पिछले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री पर कई बार हमला करने की कोशिश की गई है। बीते दशहरे की बात है एक व्यक्ति मुख्यमंत्री के घर पर हमला करने की कोशिश की। जबकि मुख्यमंत्री के घर में जाने के लिए कई सुरक्षा घेरों से होकर गुजरना पड़ता है। दोनों ही जगह मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के जिम्मे है। अब इसे दिल्ली पुलिस की नाकामी कहें या भाजपा और दिल्ली पुलिस की मिलीभगत।
4 नवंबर को सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन में भी भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने खुले आम सोशल मीडिया पर ऐलान करके दिल्ली सरकार के कार्यक्रम में जाकर हंगामा किया। उन्होंने वहा तोड़फोड़ की और मंच से भाषण देते हुए केजरीवाल पर बोतलें फेंक कर उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की। मगर दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ ही एफआइआर दर्ज कर डाली।
इसी प्रकार से फरवरी में सचिवालय के दूसरे तल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन और उनके सहकर्मियों पर हमला किया। उनके साथ मारपीट की। उस पूरी घटना के साक्ष्य मौजूद हैं। परन्तु अभी तक उस पर दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इन सभी घटनाओं से साफ जाहिर होता है कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है।