Move to Jagran APP

एशिया का सबसे बड़ा रंग महोत्सव भारंगम एक फरवरी से, दिखेगा बापू का जलवा

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पदाधिकारियों ने बताया कि भारतीय भाषाओं में नाटकों के मंचन के लिए 869 प्रविष्टियां विदेशी भाषाओं में 90 प्रविष्टियां आयी थीं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 07:33 AM (IST)
एशिया का सबसे बड़ा रंग महोत्सव भारंगम एक फरवरी से, दिखेगा बापू का जलवा
एशिया का सबसे बड़ा रंग महोत्सव भारंगम एक फरवरी से, दिखेगा बापू का जलवा

नई दिल्ली, जेएनएन। एशिया के सबसे बड़े नाट्य उत्सव में शुमार 20वां भारत रंग महोत्सव एक फरवरी से शुरू होगा। 21 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में 111 से अधिक नाटकों का मंचन होगा। दिल्ली समेत छह शहरों में 9 से अधिक पारंपरिक प्रस्तुतियों के अलावा थियेटर जगत के धुरंधर अभिनय की बारीकियां बताएंगे। इस बार यहां उर्दू और भोजपुरी के नाटकों का मंचन देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि मैथिली में पहली बार नाटक का मंचन होगा। महोत्सव में15 विदेशी नाट्य समूह भाग ले रहे हैं।

loksabha election banner

छह शहरों में होगा मंचन

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पदाधिकारियों ने बताया कि भारतीय भाषाओं में नाटकों के मंचन के लिए 869 प्रविष्टियां विदेशी भाषाओं में 90 प्रविष्टियां आयी थीं। महोत्सव में 69 भारतीय एवं 15 विदेशी नाटकों का मंचन होगा। इसके अलावा 9 पारंपरिक प्रस्तुति, एनएसडी के छात्रों द्वारा 5 नाटक, एनएसडी के सिक्किम केंद्र द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया जाएगा।

इन शहरों में होगा नाटकों का मंचन

दिल्ली में 89 नाटक मंचित होंगे, जिसमें 25 नाटक हिंदी में होंगे। दिल्ली के अलावा वाराणसी, डिब्रूगढ़, मैसूर, राजकोट और रांची में नाटकों का मंचन होगा। महोत्सव में बांग्लादेश, पोलैंड, रूस, श्रीलंका, चेक रिपब्लिक, इटली, नेपाल, रोमानिया और ङ्क्षसगापुर के अंतरराष्ट्रीय प्रोडक्शन भी शामिल होंगे।

गांधी पर आधारित होंगे चार नाटक

महात्मा गांधी की 150वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में उनके आदर्शों, जीवन, धारणा, सिद्धांतों पर आधारित चार नाटकों का भी मंचन होगा। इनमें समीर विश्वास निर्देशित बापू, एम के  रैना निर्देशित स्टेयेट अ व्हाइल, देवेन्द्र राज अंकुर निर्देशित सत्य के प्रयोग एवं अर्जुन देव चारण द्वारा लिखित एवं निर्देशित हिंद स्वराज शामिल हैं। ये चारों नाटक दिल्ली में ही होंगे।

पहली बार मैथिली में नाटक का मंचन

पदाधिकारियों ने बताया कि पहली बार मैथिली में नाटक का मंचन होगा। नाटक धूर्तसमागम के निर्देशक प्रकाश झा हैं जबकि लेखक ज्योतिरीश्वर ठाकुर हैं। इस बार उर्दू और भोजपुरी में नाटकों का मंचन नहीं होने के पीछे पदाधिकारियों ने प्रविष्टियां नहीं मिलने का तर्क दिया है। वहीं इस बार प्रयाग राज में अर्धकुंभ के कारण भारत रंग महोत्सव के तहत कुंभ परिसर में नाटकों के मंचन को टाल दिया गया है।

अधिकारी का बयान

भारत रंग महोत्सव का यह 20वां सत्र है। इसमें 960 नाटकों की इंट्री आयी है। भारत रंग महोत्सव में ही समानांतर महोत्सव का आयोजन डिब्रूगढ़ में 4 से 10 फरवरी तक, वाराणसी

में 7 से 13 फरवरी तक, रांची में 9 से 15 फरवरी जबकि मैसूर में 11 से 17 फरवरी एवं राजकोट में 13 से 17 फरवरी तक नाटकों का मंचन होगा।

सुरेश शर्मा, डायरेक्टर इन चार्ज, एनएसडी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.