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केजरीवाल सरकार ने छठ पूजा को लेकर घोषित की छुट्टी, सार्वजनिक जगहों पर मनाने की रहेगी रोक

Delhi Govt Chhath Puja Holiday दिल्‍ली सरकार ने बिहार-यूपी के महापर्व छठ को लेकर छुट्टी घोषित कर दी है। 20 नवंबर को छठ की छुट्टी रहेगी। यह भी बता दें कि कोरोना को लेकर छठ सार्वजनिक जगहों पर मनाने की पाबंदी सरकार ने पहले ही जारी कर दी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 10:28 AM (IST)
केजरीवाल सरकार ने छठ पूजा को लेकर घोषित की छुट्टी, सार्वजनिक जगहों पर मनाने की रहेगी रोक
केजरीवाल सरकार ने छठ को लेकर घोषित की छुट्टी।

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। दिल्‍ली सरकार ने बिहार-यूपी के महापर्व छठ को लेकर छुट्टी घोषित कर दी है। केजरीवाल सरकार के द्वारा जारी ताजा आदेश के अनुसार 20 नवंबर को छठ की छुट्टी रहेगी। हालांकि, यह भी बता दें कि इस बार कोरोना को लेकर छठ सावर्वजनिक जगहों पर मनाने की पाबंदी सरकार ने पहले ही जारी कर दी है। छठ को लेकर दिल्‍ली के कई घाटों पर मेले जैसा नजारा आम हो जाता है। इसलिए सरकार ने इस बार कोरोना के बढ़ते केस के कारण इस बार सार्वजनिक जगहों पर सामूहिक जमावड़े की अनुमति नहीं दी है।

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छठ पूजा पर रोक, आस्था को ठेस : मनोज तिवारी

इधर इस बात को लेकर सियासत भी गर्म होने लगी है। भाजपा केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।वहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने छठ पूजा पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

उनका कहना है कि जब शराब की दुकानें खुल रही हैं और साप्ताहिक बाजार लग लग रहे हैं तो छठ व्रत धारियों की आस्था के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। छठ पर रोक लगाकर लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई गई है। मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सुरक्षा उपायों के साथ घाटों पर छठ पूजा के आयोजन को अनुमति देने की मांग की है।

एक बयान जारी कर मनोज तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं छठ व्रत धारियों से अपील की है कि वह धूमधाम से महापर्व को मनाएं, लेकिन एहतियात भी बरतें। व्रत रखने वाले लाखों श्रद्धालु जागरूक हैं और उन्हें भी अपनी सुरक्षा की चिंता है। ऐसी स्थिति में उन्हें छठ घाटों से दूर रखकर पूजा में एक बड़ी बाधा का माहौल तैयार किया जा रहा है। बेहतर होगा कि संख्या को सीमित कर यमुना के किनारे और तालाबों के किनारे व्रत धारियों को पूजा करने दी जाए। उन्होंने कहा कि यह पर्व पूर्वांचल की पहचान है। इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।

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