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कलाधामः छलका फनकारों का दर्द, 'तेरी बेरुखी से रुसवा हो रही कला की दुनिया'

2011 के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर में विकास कार्य कराने से हाथ पीछे खींच लिया है। इससे कलाधाम की सूरत बिगड़ने लगी है।

By Edited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 07:07 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 02:46 PM (IST)
कलाधामः छलका फनकारों का दर्द, 'तेरी बेरुखी से रुसवा हो रही कला की दुनिया'
कलाधामः छलका फनकारों का दर्द, 'तेरी बेरुखी से रुसवा हो रही कला की दुनिया'

नोएडा (रणजीत मिश्रा)। कलाधाम में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय कलाकार व चित्रकारों का अंतरराष्ट्रीय फलक पर देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना सुविधाओं के अभाव में टूट कर बिखरने लगा है। इसके पीछे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही को कलाकारों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कलाकारों ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नॉलेज पार्क में कलाधाम सेक्टर का विकास कराया था। यहां अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के लिए करीब 96 भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें कई पद्मश्री पुरस्कार विजेता समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के स्टूडियो भी हैं। यहां के स्टूडियो में कलाकार रियाज के लिए नियमित रूप से आते हैं। यहां के कलाकारों ने दैनिक जागरण से बातचीत में अपनी नाराजगी जाहिर की है।

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कलाकारों ने बताया कि वर्ष 2000 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के लिए भूखंड की योजना कलाधाम सेक्टर में निकाली थी। कलाकारों को 2006 में भूखंड पर कब्जा दिया गया। इसके बाद प्राधिकरण ने 2011 तक निर्माण कार्य पूरा करने के लिए गाइड लाइन तय कर दी थी।

अधिकांश कलाकारों ने निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। 2011 के बाद प्राधिकरण ने सेक्टर में विकास कार्य कराने से हाथ पीछे खींच लिया है। इससे कलाधाम की सूरत बिगड़ने लगी है। कलाधाम परिसर में आधी अधूरी चारदीवारी समेत नालियों की सफाई, फॉगिंग, कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है। कलाकारों का आरोप है कि कलाधाम सेक्टर तो बसा दिया गया, लेकिन यहां आने वाले कलाकारों के लिए आर्ट गैलरी व कम्यूनिटी सेंटर नहीं बनाए गए हैं, जहां आर्ट गैलरी या प्रदर्शनी का आयोजन किया जा सके।

ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कला को प्रदर्शित करने वाले कलाकारों का सपना बिखरने लगा है। कलाकारों ने बताया कि कई बार प्राधिकरण से कलाधाम परिसर में एक आर्ट गैलरी के लिए स्थान चिह्नित कर हॉल तैयार करने की मांग कर चुके हैं। इस पर प्राधिकरण ध्यान नहीं दे रहा है। इससे कला प्रदर्शनी के आयोजन के लिए कलाकारों को दूसरे शहर का सहारा लेना पड़ता है।

रीता गांगुली (पद्मश्री से सम्मानित) का कहना है कि कलाधाम को कलाकारों को ध्यान में रख कर बसाया गया था। भूखंड आवंटित करने के बाद प्राधिकरण ने मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने से मुंह फेर लिया। प्राधिकरण को कलाकारों के जरूरत को देखते हुए यहां विकास कार्य पर ध्यान देने की जरूरत है।

रविंद्र वर्मा (अंतरराष्ट्रीय चित्रकार व मूर्तिकार) की मानें तो कलाधाम सोसायटी में अधिकांश कलाकारों ने निर्माण कार्य के नियमों को पूरा कर लिया है। प्राधिकरण को यहां मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए। यहां पानी की पाइपलाइन तक नहीं बिछाई गई है। पानी व सफाई की बड़ी समस्या है। इससे यहां कलाकारों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।  


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