Delhi-NCR Earthquake Updates: बार-बार आ रहे भूकंप ने उड़ाई करोड़ों लोगों की नींद, जानिए- क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Delhi-NCR Earthquake Updates दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां पर 3 महीने से भी कम समय में तकरीबन 20 बार भूकंप आ चुका है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi-NCR Earthquake Updates: दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में भूकंप के आने का सिलसिला जारी है। आलम यह है कि तकरीबन हर सप्ताह देश में कहीं न कहीं भूकंप के झटके लग रहे हैं। आलम यह है कि बृहस्पतिवार और शुक्रवार 24 घंटे के बीच भारत में धरती 2 बार हिली। वहीं, दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां पर 3 महीने से भी कम समय में तकरीबन 20 बार भूकंप आ चुका है। इस बीच शुक्रवार शाम 7 बजे के आसपास 4-5 सेकेंड तक भूकंप के तेज झटकों ने दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों की चिंता बढ़ा दी है। शुक्रवार शाम को आए भूकंप का केंद्र राजस्थान का अलवर जिला था, लेकिन लोगों के जेहन में यह सवाल न चाहते हुए भी आ रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में आ रहे लगातार भूकंप किसी बड़े खतरे का संकेत तो नहीं हैं?
क्या ये छोटे झटके किसी बड़े भूकंप का संकेत हैं?
केंद्रीय पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय (Union Ministry of Earth and Science) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में लगातार लग रहे भूकंप के ये झटके रिक्टर स्केल पर बहुत हल्के हैं, हालांकि शुक्रवार शाम को आया भूकंप रिक्टर स्केल पर 4.7 मापा गया है, जो चिंता की बात है। इससे पहले भी इस स्केल के भूकंप दिल्ली-एनसीआर में आते रहे हैं। बावजूद इसके भूकंप पर शोध करने वाले भूविज्ञानी हल्के भूकंप को भी बड़े खतरे की आहट भी मान रहे हैं, क्योंकि भूकंप के इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है, जब छोटे-छोटे भूकंप के बाद बड़े भूकंप ने तबाही मचाई है।
प्रत्येक एक-दो घंटे में दुनिया में कहीं-न-कहीं आता है भूकंप
वहीं, दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में लगातार आ रहे भूकंप को लेकर राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के ऑपरेशन प्रमुख जे एल गौतम (JL Gautam, Head of Operations, National Seismology Center) का कहना है कि दुनिया में प्रत्येक एक-दो घंटे में कहीं न कहीं भूकंप आत रहे हैं। रिक्टर स्केल पर इनकी गति कम या ज्यादा होती है। कई बार तो भूकंप के झटके महसूस ही नहीं होते। थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर आने वाले भूकंप बहुत ज्यादा तीव्रता वाले नहीं होते, इसीलिए उनके बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं चलता। इनका असर केवल संबंधित क्षेत्र तक ही रह जाता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सिस्मिक जोन चार में शामिल दिल्ली भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। पूर्वी और पुरानी दिल्ली को संकरा और दलदली जमीन पर बसा होने के कारण कहीं अधिक संवेदनशील माना जाता है। उनके मुताबिक, दिल्ली और आसपास के 300 किलोमीटर के दायरे में हमारी 25 ऑब्जर्वेटरी लगी हुई हैं, जिनसे रिक्टर स्केल पर 2 से कम की तीव्रता वाले भूकंप की निगरानी भी की जा रही है।
....तो आधे घंटे पहले चल जाएगा भूकंप का पता
वहीं, पटना विश्वविद्यालय के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष अतुल आदित्य पांडे की मानें तो भविष्य में बिहार की राजधानी पटना में कुछ ऐसी व्यवस्था होने जा रही है जिससे आने वाले वक्त में भूकंप के 30-35 सेकेंड पहले उसकी सूचना मिल सकेगी।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Indian Institute of Technology) के एक्सपर्ट का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में लगातार छोटे-छोटे भूकंप आना बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकता है। भूकंप के इतिहास में पहले भी ऐसा हो चुका है। ऐसे में निश्चिंत होकर नहीं बैठना चाहिए। हमें भूकंप से निपटने की तैयारी जारी रखनी चाहिए।
उधर, IIT धनबाद के डिपार्टमेंट्स ऑफ अप्लाइड जियोफिजिक्स और सिस्मोलॉजी की मानें तो छोटे-छोटे भूकंप दिल्ली और एनसीआर में बड़ा भूकंप आ सकता है। इसमें यह बात भी अहम है कि ज्यादातर बार छोटे-छोटे भूकंप बड़े भूकंप में तब्दील नहीं हुए हैं, लेकिन यह 100 फीसद सच नहीं है।