ई-वे बिल को सरल करे जीएसटी काउंसिल, माल बुकिंग में हो रही है दिक्कत
ई-वे बिल के क्रियान्वयन में कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं, जिससे माल बुकिंग में दिक्कत हो रही है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। आटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन (APMA) कश्मीरी गेट के कोषाध्यक्ष विनय नारंग ने ई-वे बिल का स्वागत किया है। साथ ही जीएसटी काउंसिल से इसमें सरलीकरण का आग्रह किया है, ताकि माल ढुलाई में आसानी हो सके।
सजा व्यापारियों को मिल रही है
विनय नारंग ने कहा कि इसी माह से लागू ई-वे बिल के क्रियान्वयन में कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं, जिससे माल बुकिंग में दिक्कत हो रही है। चिंताजनक बात यह है कि ट्रांसपोर्टरों की गलतियों की सजा व्यापारियों को मिल रही है। अगर ट्रांसपोर्टर ने ई-वे बिल को ठीक से नहीं भरा है तो उसका जुर्माना व्यापारियों को भरना पड़ रहा है, जो कुल माल के मूल्य का 56 फीसद तक है।
जीएसटी नंबर बदल गए हैं
नारंग ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद सभी ट्रांसपोर्टरों के जीएसटी नंबर बदल गए हैं, लेकिन नए नंबरों के बारे में व्यापारियों को सूचित नहीं किया गया है। ऐसे में अधिकतर व्यापारी पुराने नंबर पर ही माल बुक कर रहे हैं, माल बुक हो भी जा रहा है, लेकिन लोडिंग के समय ट्रांसपोर्टर बताता है कि जीएसटी नंबर गलत भरा है। ऐसे में फिर से ई-वे बिल भरने की प्रक्रिया करनी पड़ रही है। ऐसे मामले खूब सामने आ रहे हैं।
दंडित करने का प्रावधान होना चाहिए
नारंग ने कहा कि समस्या यह है कि कई ट्रांसपोर्टरों के जीएसटी नंबर फर्म की जगह व्यक्ति के नाम पर हैं। ऐसे में फर्म नाम के आधार पर नंबर खोजने में परेशानी आ रही है। काउंसिल को चाहिए कि वे ट्रांसपोर्टरों के नए नंबर फर्म सहित वेबसाइट पर जारी करें, जिससे व्यापारियों को राहत मिल सके। साथ ही ट्रांसपोर्टरों की ओर से ई-वे बिल का पार्ट-बी सही न भरे जाने की स्थिति में उसे ही दंडित करने का प्रावधान होना चाहिए।
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